तुलसीदललक्षेण
कार्तिके योऽर्चयेद् हरिम् ।
पत्रे पत्रे मुनिश्रेष्ठ!
मौक्तिकं लभते फलम् ॥
[ धर्मसिंधु , द्वितीय परिच्छेद , पृ - २०० ]
अर्थात् 👉🏻 हे मुनिश्रेष्ठ ! कार्तिक मास में एक लाख तुलसीदल से जो भगवान की अर्चना करते हैं , वे प्रत्येक पत्ते में मोती चढ़ाने का फल प्राप्त करते हैं ।
🌄🌄 प्रभात वंदन 🌄🌄
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