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केदारनाथ सिंह
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digital निर्माता
817 views 9 days ago
केदारनाथ — हिमालय की गोद में स्थित वह प्राचीन शिवधाम जहाँ से जुड़ी कथाएँ और श्रद्धा उसे 12 ज्योतिर्लिंगों और छोटा चारधाम का अहम हिस्सा बनाती हैं. यह पवित्र स्थल मन्दाकिनी नदी के किनारे करीब 3,584 मीटर की ऊँचाई पर है और यहाँ का कठोर मौसम सर्दियों में इसे बंद रखता है। 16 जून 2013 की भयंकर फ्लैश-फ्लड और लैंडस्लाइड ने दिखाया कि तीव्र क्लाउडबर्स्ट, ऊँची ढलानें और नदी-कंटेनमेंट का अचानक विघटन किस तरह मानवीय बसा-बसे इलाकों और पारिस्थितिक तंत्र को तहस-नहस कर सकता है — यह घटना वैज्ञानिक रूप से मौसम, हाइड्रोलॉजी और भू-आकृतिक कारणों से समझी जा सकती है। उसी आपदा के बाद केदारनाथ के लिए तैयार किए गए पुनर्विकास मास्टर-प्लान में Green Hill Habitat, पानी-प्रबंधन, anti-freezing पाइपलाइन व वेस्टवाटर रीसायक्लिंग जैसे तकनीकी व सतत उपाय शामिल किए गए हैं ताकि धार्मिक महत्व को बनाए रखते हुए भौतिक सुरक्षा भी बढ़े। अब Sonprayag-Kedarnath के बीच लगभग 12.9 km का प्रस्तावित ropeway यात्रा को मात्र ~36 मिनट कर देगा — यह pilgrims के लिए सुविधा है पर पर्यावरणीय प्रभाव, स्थानीय लोगों पर असर और आपदा-जोखिम का वैज्ञानिक आकलन पहले अनिवार्य है। तर्क/साइंस के नजरिये से: here की steep slopes, loose moraine और तेज बारिश मिलकर runoff, debris flow और river siltation बढ़ाते हैं — इसलिए infrastructure planning में geomorphology, hydrology और स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र का समावेश ज़रूरी है; धर्म की महत्ता स्वीकार्य है पर चमत्कारों की जगह विज्ञान और रोकथाम से सुरक्षा सुनिश्चित करें। 🌄🕉️🙏💧⚠️ "जहाँ पर्वत चुप हैं, वहाँ भी आस्था बोल उठती है — पर उसे बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है।" 💫 #केदारनाथ #HarHarMahadev #Kedarnath #Himalaya #SaveTheHimalayas #KedarnathRopeway #SustainablePilgrimage 📸🚠 @केदारनाथ @केदारनाथ @केदारनाथ @केदारनाथ @केदारनाथ कुंभकार #केदारनाथ #केदारनाथ सिंह #ट्रैक डाउन केदारनाथ #--- #viral
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digital निर्माता
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हिंदू धर्म — एक सभ्यता-कथा की ज़िंदगी: क्या आप जानते हैं कि सिंधु घाटी (हड़प्पा-मोहेंजो-दड़ो) की उन्नत नगरयोजना, बेक्ड-ब्रिक मकान और जटिल नालियाँ 2500–1900 BCE के बीच विकसित हुई थी, जो मिस्र व मेसोपोटामिया के समकालीन महान शहरों के बराबर मानी जाती हैं? ऋग्वेद जैसी प्राचीन पांडुलिपियाँ और बाद की गीता-रचनाएँ न केवल आध्यात्मिक संदेश देती हैं बल्कि भाषावैज्ञानिक और सामाजिक-सांस्कृतिक रेडैक्शन के प्रमाण भी हैं — इन ग्रंथों ने ज्ञान, कर्तव्य और भक्ति को जोड़कर धर्म की रूपरेखा तैयार की। पुरातत्वीय निष्कर्ष और क्लाइमेट-साइंस के अध्ययन दिखाते हैं कि क्षेत्रीय सूखापन और आर्थिक-सामाजिक परिवर्तन सभ्यताओं के विकास व विस्थापन में निर्णायक रहे — इसलिए 'धर्म' को केवल आस्था नहीं, बल्कि ऐतिहासिक-वैज्ञानिक संदर्भ में पढ़ना ज़रूरी है। साथ ही मनुस्मृति का प्रसिद्ध सूत्र — सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम्… — यह स्पष्ट करता है कि धार्मिक नीतियाँ तर्क, नैतिकता और सामाजिक-हित के आधार पर भी संहितबद्ध हुई हैं। ✨📜🔬🔥 #हिंदुइतिहास #IndusValley #ऋग्वेद #BhagavadGita #SanatanDharma @ex hindu athiest @Pooja Samagri @Hindu huli Prashant 🔥🚩 @😘kshitij ki jaan pihu😘 @smile jattni ki🫦❣️❣️ #Hindu dharma ki history in hindi #viral #--- #ट्रैक डाउन केदारनाथ #केदारनाथ सिंह
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