🌸🌞🌸🌞🌸🌞🌸🌞🌸🌞🌸
‼ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼
🚩 *"सनातन परिवार"* 🚩
*की प्रस्तुति*
🔴 *आज का प्रात: संदेश* 🔴
🚩 *"कार्तिक मास" पर विशेष* 🚩
🌻☘🌻☘🌻☘🌻☘🌻☘🌻
*सनातन धर्म में प्रत्येक मास , प्रत्येक दिन एवं प्रत्येक तिथि का विशेष महत्व है ! इसी क्रम कार्तिक मास अपने विशेष पर्व , त्यौहार एवं व्रत के लिए जाना जाता है ! कार्तिक मास को दामोदर मास भी कहा जाता है , कार्तिक मास भगवान विष्णु को सदा ही प्रिय है ! जो भी मनुष्य इस परम पावन महीने में भगवान विष्णु के उद्देश्य जो कुछ भी पुण्य करता है उसका नाश कभी नहीं होता ! बारह महीनों में सबसे उत्तम कार्तिक मास है ! स्कंद पुराण में वेदव्यास जी लिखते हैं "न कार्तिकसमो मासो न कृतेन समं युगम् ! न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम् !!" अर्थात :- कार्तिक मास के समान कोई मास नहीं है , सतयुग के समान कोई युग नहीं है , वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगा जी के समान कोई दूसरा तीर्थ नहीं है ! कार्तिक मास में स्नान - दान एवं दीपदान का विशेष महत्व है ! जिस प्रकार कार्तिक के समान कोई मास नहीं है उसी प्रकार अन्नदान के सदृश कोई दूसरा दान नहीं है , लेकिन एक बार ध्यान रखना चाहिए कि जिस अन्न का दान किया जाय वह न्यायोचित मार्ग से उपार्जित किया हो अन्यथा इसका फल नहीं मिलता ! अन्नदान की विषय में बताते हुए कहा गया है कि सभी दानों में बढ़कर कन्यादान है , कन्यादान से भी अधिक फलदायी विद्यादान है , विद्यादान से भी अधिक गोदान का महत्व है और गोदान से भी बढ़कर अन्नदान है क्योंकि समस्त संसार अन्न के आधार पर ही जीवित रहता है , इसलिए कार्तिक में अन्नदान अवश्य करना चाहिए ! तीर्थ स्नान , शालिग्राम पूजन , वासुदेव का स्मरण , भगवान विष्णु का पूजन एवं सायंकाल के समय दीपदान यह प्रत्येक मनुष्य को कार्तिक माह में प्रत्येक दिन करना चाहिए ! इन नियमों का पालन करके मनुष्य भोग एवं मोक्ष प्राप्त कर सकता है !*
*आज से परम पावन कार्तिक मास प्रारंभ हो रहा है , इस पवित्र दामोदर मास में प्रत्येक मनुष्य को प्रातःकाल उठकर स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान विष्णु - शालिग्राम का पूजन करना चाहिए एवं सायंकाल के समय दीपदान करना चाहिए ! इस कार्तिक महीने में दान करने का बहुत अधिक महत्व है परंतु जो लोग दान नहीं कर सकते हैं उनके लिए मैं "आचार्य अर्जुन तिवारी" बताना चाहता हूं कि जो दान करने में असमर्थ हैं वह प्रतिदिन प्रसन्नता पूर्वक नियम से भगवान के नाम का स्मरण करें ! कार्तिक में भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए विष्णु मंदिर अथवा शिव मंदिर में जागरण करें , अगर शिव मंदिर और विष्णु मंदिर ना हो तो किसी भी देवता के मंदिर में जागरण करके यह पुण्य प्राप्त किया जा सकता है ! स्नान का भी बहुत महत्व है परंतु यदि किसी विपत्ति में मनुष्य पड़ा हुआ है और स्नान करने के लिए जल नहीं है या रोगी होने के कारण जल से स्नान करने में असमर्थ है तो उसके लिए सनातन धर्म यह व्यवस्था बनाई गई है कि भगवान के नाम से मार्जन मात्र कर ले तो उसको स्नान का फल प्राप्त हो जायेगा ! कोई भी व्रत करने के बाद उसका उद्यापन करने की आवश्यकता होती है , जो मनुष्य पूरे कार्तिक महीने का व्रत करके उद्यापन करने की स्थिति में ना हो , धनाभाव हो या फिर अन्य विकट परिस्थितियां हो तो ऐसे में कार्तिक मास के उद्यापन का विस्तृत विधान ना करके भगवान विष्णु का पूजन करके ब्राह्मणों को भोजन करा देने मात्र से उसके उद्यापन का फल उसको प्राप्त हो जाता है ! कार्तिक मास में दीपदान का बड़ा महत्व है परंतु यदि स्वयं दीपदान करने में असमर्थ हो तो वह यदि दूसरे के बुझे हुए दीपक को भी जला देता है या किसी के जले हुए दीपक को हवा आदि से बचा करके उसको जलने में सहायता करता है तो उसे दीपदान का फल मिल जाता है ! सनातन धर्म की यही विशेषता है कि यहां यदि किसी भी व्रत के लिए कठिन नियम है तो देश -काल - परिस्थिति के अनुसार सरल विधान भी बतलाया गया है !*
*सभी महीनों में सर्वश्रेष्ठ कार्तिक मास है , देवताओं में भगवान विष्णु श्रेष्ठ हैं और तीर्थ में नारायण तीर्थ अर्थात बदरिकाश्रम श्रेष्ठ है , और यह तीनों कलयुग में अत्यंत दुर्लभ हैं !*
🌺💥🌺 *जय श्री हरि* 🌺💥🌺
🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥
सभी भगवत्प्रेमियों को आज दिवस की *"मंगलमय कामना*🙏🏻🙏🏻🌹
♻🏵♻🏵♻🏵♻🏵♻🏵♻️
*सनातन धर्म से जुड़े किसी भी विषय पर चर्चा (सतसंग) करने के लिए हमारे व्हाट्सऐप समूह----*
*‼ भगवत्कृपा हि केवलम् ‼ से जुड़ें या सम्पर्क करें---*
आचार्य अर्जुन तिवारी
प्रवक्ता
श्रीमद्भागवत/श्रीरामकथा
संरक्षक
संकटमोचन हनुमानमंदिर
बड़ागाँव श्रीअयोध्याजी
(उत्तर-प्रदेश)
9935328830
🍀🌟🍀🌟🍀🌟🍀🌟🍀🌟🍀
#कार्तिक मास