भादवी बीज एक महत्वपूर्ण पर्व है जो विशेष रूप से राजस्थान और गुजरात में मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह लोक देवता बाबा रामदेव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
भादवी बीज का महत्व
बाबा रामदेव का जन्मोत्सव: इस दिन बाबा रामदेव का जन्म हुआ था, जिन्हें भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। वे सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक के रूप में पूजे जाते हैं।
रामदेवरा का मेला: इस दिन से राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित रामदेवरा (रुणिचा) में एक विशाल मेले का आयोजन होता है, जो कई दिनों तक चलता है। इस मेले में देश भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं, जिनमें हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल होते हैं।
जातरू: भादवी बीज के अवसर पर, दूर-दूर से श्रद्धालु पैदल यात्रा करके रामदेवरा पहुंचते हैं, जिन्हें 'जातरू' कहा जाता है। यह यात्रा भक्ति और आस्था का प्रतीक है।
कैसे मनाया जाता है?
मंदिरों में पूजा: इस दिन बाबा रामदेव के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
शोभायात्राएं: कई जगहों पर बाबा रामदेव की शोभायात्राएं निकाली जाती हैं, जिनमें भक्त नाचते-गाते हुए चलते हैं।
व्रत और प्रसाद: भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और बाबा रामदेव को चूरमे का भोग लगाते हैं। प्रसाद को भक्तों में वितरित किया जाता है।
भंडारे: पैदल यात्रियों की सेवा के लिए जगह-जगह भंडारे लगाए जाते हैं, जहां भोजन, पानी और दवाइयों की व्यवस्था की जाती है।
2025 में भादवी बीज की तिथि
वर्ष 2025 में भादवी बीज 25 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी। इसी दिन से रामदेवरा मेले की शुरुआत होगी।
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