स्वयम्भू
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नारायण — क्या आपने कभी सोचा है कि एक नाम में इतिहास, भाषा और ब्रह्मांड का दर्शन कैसे समाया है? 🙏🌊 नारायण विष्णु का एक प्रमुख उपनाम है और पुराणों में उन्हें 'आकाश-समुद्र में योगनिद्रा' में दिखाया जाता है, जो सृष्टि के चक्र और संरक्षण का प्रतीक है; भाषावैज्ञानिक विश्लेषण में 'nara' + 'ayana' जैसी संस्कृत व्युत्पत्तियों के साथ कुछ विद्वान ड्रविड़/इंडस-सम्बन्धी मूल का भी प्रस्ताव रखते हैं — यह दर्शाता है कि धार्मिक अवधारणाएँ ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संलयन का परिणाम हैं और इन्हें समझने के लिए तर्क व भाषाशास्त्र दोनों जरूरी हैं। 🔱📜 एक प्रेरक पंक्ति: "नारायण में शरण — आत्मा का शांतिवास"। #नारायण #Narayana #विष्णु #Vaishnavism #NarayanaSukta #धर्म 🕉️✨. @नारायण लाल निषाद @ विक्रम नारायण घरत @मोहन नारायण कुशवाहा @संदेश नारायण नकाशे @जय नारायण saini #नारायण #स्वयम्भू #बम - बम भोले #⚓जय शनिदेव⚓ #---
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क्या आप अमरनाथ की चढ़ाई के लिए तैयार हैं? ⛰️🙏 अमरनाथ के दो प्रमुख रास्ते हैं — Baltal से छोटा पर खड़ा ट्रैक लगभग 13 किमी और Pahalgam–Chandanwari से लंबा पर आसान ट्रैक लगभग 43 किमी, इसीलिए तय करें कि आप तेज़ी से ऊँचाई चढ़ना चाहेंगे या धीरे-धीरे acclimatize करना चाहेंगे। Baltal बेस कैंप समुद्र तल से लगभग 2,730 मीटर पर स्थित है जबकि अमरनाथ गुफा करीब 3,888 मीटर की ऊँचाई पर है, इसलिए Baltal से तेज़ ऊँचाई हासिल होती है और Pahalgam का मार्ग दूरी ज़्यादा होने पर gradient कम रखकर शरीर को समायोजित होने का मौका देता है। विज्ञान से देखें तो गुफा का जो “शिवलिंग” है वह छत से टपकते पानी के जमने से बनता हुआ एक प्राकृतिक आइस-स्टैलेग्माइट है, जिसका आकार मौसम, तापमान और हिमनदी के पानी पर निर्भर करता है — और हाल के वर्षों में यह जल्दी पिघलना शुरू हो गया है, जो उच्च हिमालयों की संवेदनशील इकॉलॉजी और जलवायु परिवर्तन की चिंता जगाता है। सुरक्षा की दृष्टि से ध्यान रखें कि 2,500 मीटर से ऊपर तीव्र ऊँचाई के कारण Acute Mountain Sickness का खतरा बढ़ता है; इसलिए अगर आप Baltal के तेज़ रूट चुनते हैं तो हाइड्रेशन, आराम और धीमी चढ़ाई पर विशेष ध्यान दें या Pahalgam से धीरे-धीरे चढ़ना पसंद करें। “श्रद्धा से जाइए, समझदारी से चढ़िए” — यही छोटे-से-हुक के साथ आपकी यात्रा को संरक्षित भी रखेगा और अनुभव को गहरा भी बनाएगा। 🚩🙏❄️⛰️ #अमरनाथयात्रा #AmarnathYatra #शिवलिंग #Himalaya #FaithAndScience #पर्यावरण #यात्रा @gujjar ki gujjari @ye rishta kya kehlata hai @😘kshitij ki jaan pihu😘 @smile jattni ki🫦❣️❣️ @🙏 Har har mahadev 🙏 mahadev ki lado 💫❤️ #amarnath ki chadhai kitne kilometre hai #बम - बम भोले #--- #⚓जय शनिदेव⚓ #स्वयम्भू
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क्या आप जानते हैं — शब्द “स्वयम्भू” (Svayambhu) का अर्थ है ‘self-manifested’ यानी जो स्वयं प्रकट हो गया। काठमांडू की प्रख्यात स्वयम्भू महाचैत्य (Swayambhunath) एक प्राचीन स्तूप है जिसे 'self-arising' कहा जाता है और यह Kathmandu Valley का UNESCO World Heritage Site भी है; हाल में इसकी 3D डिजिटल-प्रिज़र्वेशन जैसी परियोजनाएँ भी चलकर इसे संरक्षित करने का नया ट्रेंड बना रही हैं। पौराणिक कथा (Swayambhu Purana) कहती है कि वैली कभी एक विशाल झील थी और उसके बीच उगा कमल यहाँ के पवित्र प्रकाश का स्रोत बना — यही स्वयम्भू का आध्यात्मिक आधार है। "धरती जब अपना चिह्न बनाती है, वह श्रद्धा और विज्ञान के बीच की भाषा बोलती है" — इस लाइन में वही भाव निहित है; और वैज्ञानिक दृष्टि से भी कई 'स्वयम्भू' स्वरूपों का व्यावहारिक कारण मिलता है, जैसे कुछ प्राकृतिक शिवलिंग क्रिस्टलीकरण/भूवैज्ञानिक संरचनाओं से बनते हैं या अमरनाथ में आइस-लिंगम बर्फ के जमने से बनता है — इसलिए श्रद्धा का सम्मान करते हुए दावों की वैज्ञानिक जाँच भी ज़रूरी है। 🙏🌺🕉️ #स्वयम्भू #Swayambhunath #Svayambhu #SelfManifested #Nepal #आध्यात्मिकता #प्रकृति #इतिहास @श्री शिव स्वयम्भू @स्वयंभू @स्वयम् @स्वयम् @स्वयम् #स्वयम्भू #⚓जय शनिदेव⚓ #viral #--- #बम - बम भोले
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