आदर्श जीवन :-
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आदर्शों का वाणी का आभूषण मात्र बनने से कल्याण नहीं होता, आदर्श आचरण के रूप में घटित हों तब ही कल्याण निश्चित है। जीवन में सत्य को सुनना ही पर्याप्त नहीं होता अपितु सत्य को चुनना भी जरुरी है। सत्य की चर्चा करना एक बात है और सत्य का चर्या बन जाना दूसरी बात है।
क्या मिश्री का स्मरण करने मात्र से मुँह में मिठास घुल जायेगी ? मिश्री का आस्वादन करना पड़ेगा। प्यास तो तभी बुझती है जब कंठ में शीतल जल उतर जाए। यद्यपि परमात्मा के नाम की ऐसी दिव्य महिमा है कि वह स्मरण मात्र से भी कल्याण करने में समर्थ है।
भगवान राम और कृष्ण इसलिए आज तक हर घर में और हृदय में विराजमान हैं क्योंकि उन्होने आदर्शों को, मूल्यों को अपने जीवन में उतारा है। दुनिया का सबसे प्रभावी उपदेश वही होता है जो जीभ से नहीं जीवन से दिया जाता है। आचरण में सत्य का उतर जाना ही किसी व्यक्तित्व को पूजनीय बनाता है।
🌹🌹हरि ऊं गुरूदेव🌹🌹
🌹🌹श्रीराधावल्लभ हरिशरणम्🌹🌹
🌹🌹जय जय राधारमण हरिबोल🌹🌹
🌹🌹राधिका राधामाधव🌹🌹
🌹🌹मेरो द्वारिकाधीष गोविन्दंमाधव🌹🌹
🌹🌹श्रीहरिवंश🌹🌹
🌹🌹हरिहर🌹🌹
🌹🌹ॐ•श्रींकृष्णाय नमः🌹🌹
#🕉️📿श्री हरिहर स्वरुप।📿🚩🕉️🙏🙏🦚🦚 #जय श्री महाकल हर हर महादेव #🙏जय शिव शम्भू🕉️🙏🙏🦚🦚 #🕉नमः शिवाय 🌺🥀 #महाकालेश्वर 🙏 #जय श्री महाकाल #भोलेनाथ 🌺💫🕉️🙏🙏🦚🦚 #ॐ नमः शिवाय🕉️🙏🙏🙏🙏🙏🦚🦚 #जय श्री महाकालेश्वर🕉️🙏🙏🦚🦚