स्वयं को बदलो :-
**************
हमारे जीवन में अशांति, अप्रसन्नता अथवा दु:खों का कारण कोई और नहीं अपितु हम स्वयं हैं। कई बार हमारे द्वारा अपनी अशांति, अपने दुःखों अथवा अपने द्वंदों का कारण दूसरों को मान लिया जाता है।
हम जीवन में सुखी तो होना चाहते हैं पर दूसरों को बदल कर, स्वयं को बदल कर नहीं। हम अपनी ऊर्जा का उपयोग दूसरों को समझाने में करते हैं पर स्वयं को नहीं समझा पाते। स्वयं में बदलाव के बिना हमारा जीवन कभी नहीं बदल सकता।
लोग हमें समझें अथवा ना समझें पर हमारी समझ में अपना स्वयं का स्वभाव अवश्य आना चाहिए। दूसरे लोग हमें नहीं समझ रहे हैं, यह चिंता का विषय बिल्कुल भी नही है पर हम स्वयं भी अपने पाप को नहीं समझ पा रहे हैं तो यह जरूर विचारणीय विषय है।
स्वयं को जानने का प्रयास करो। जो स्वयं को जान लेता है वो अपने जीवन में घटित हो रही बहुत सारी समस्याओं का समाधान भी स्वयं खोज लेता है।
🦚🦚मेरो द्वारिकाधिष गोविंन्दमाधव🦚🦚
🦚🦚श्री हरिहर स्वरुप🦚🦚
🦚🦚जय जय राधारमण हरिबोल🦚🦚
🦚🦚श्रीराधावल्लभ हरिशरणम्🦚🦚
🦚🦚श्रीहरिवंश🦚🦚
🦚🦚हरिहर🦚🦚
#गुरुःसाक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः🚩🕉️🦚🦚🙏🙏🙏🙏🙏💐💐 #🕉️📿श्री हरिहर स्वरुप।📿🚩🕉️🦚🦚💐💐 #राम कृष्णा हरी🚩🕉️🦚🦚🙏🙏💐💐 #ॐ नमः शिवाय🚩🕉️🦚🦚🙏🙏🌹🌹 #🕉नमः शिवाय 🌺🥀 #महाकालेश्वर 🙏 #जय श्री महाकाल #भोलेनाथ 🌺💫🚩🕉️🦚🦚🙏🙏