ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।
हिंदी में अनुवाद (meaning in Hindi)
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय: हे यक्षों के राजा, कुबेर, जो विश्रवा के पुत्र और धन के संरक्षक हैं।
धनधान्याधिपतये: धन और धान्य (अनाज) के स्वामी।
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा: मुझे धन, धान्य और समृद्धि प्रदान करें और प्राप्त कराएं, स्वाहा।
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