साहित्य शब्दकोश
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🌿समय दौर रहा हैं...
मेरी कहानी कब तक चलेगी... पता नहीं !
सेहत कब तक रहेगी... पता नहीं !
उम्मीदें खुद से बहुत हें सपनों की !
मेहनत कर रहा हूँ...
सपने कितने पूरे होंगे ! पता नहीं।
® सपनों के लिए... संघर्ष और संकल्प जरूरी हैं।
** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂...
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