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#सत_भक्ति_संदेश
#🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏कर्म क्या है❓ #🙏गुरु महिमा😇 #🙏गीता ज्ञान🛕
🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - संत रामपाल जी महाराज द्वारा गीता के रहस्यों का खुलासा गीता अध्याय 7 श्लोक २९ मे कहा है कि जो साधक केवल जरा (वृद्धावस्था ) , मरण ( मृत्यु) , दुख से लिए प्रयत्न करते हैं। वे तत् ब्रह्य़ को जानते हैं। छूटने के "aa गीता अध्याय 8 श्लोक 1 में अर्जुन ने पूछ कि ब्रह्म" क्या है? अध्याय 8 श्लोक 3 में कहा कि वह परम अक्षर ब्रह्म है। fag] उस परम अक्षर ब्रह्म की जानकारी के पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा। # निःशुल्क पायें पवित्र पुस्तक अपना नॉम , पूरा पता भेजें 577 77( +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ संत रामपाल जी महाराज द्वारा गीता के रहस्यों का खुलासा गीता अध्याय 7 श्लोक २९ मे कहा है कि जो साधक केवल जरा (वृद्धावस्था ) , मरण ( मृत्यु) , दुख से लिए प्रयत्न करते हैं। वे तत् ब्रह्य़ को जानते हैं। छूटने के "aa गीता अध्याय 8 श्लोक 1 में अर्जुन ने पूछ कि ब्रह्म" क्या है? अध्याय 8 श्लोक 3 में कहा कि वह परम अक्षर ब्रह्म है। fag] उस परम अक्षर ब्रह्म की जानकारी के पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा। # निःशुल्क पायें पवित्र पुस्तक अपना नॉम , पूरा पता भेजें 577 77( +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat
#🙏गीता ज्ञान🛕
🙏गीता ज्ञान🛕 - गता अध्याय 4 का श्लोक ३४ तत् विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया বপঃএলি; ন নানমূ নানিন: ননেনথিনি:113411 33 अनुवादः पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि॰ उपरोक्त नाना प्रकार की साधना तो मनमाना आचरण है। मेरे तक की साधना की अटकल लगाया ज्ञान है परन्तु पूर्ण परमात्मा के पूर्ण मोक्ष मार्ग का मुझे भी ज्ञान नहीं है। उसके लिए इस मंत्र ३४ में कहा है कि उस  (तत्) तत्वज्ञान को (विद्धि) समझ उन पूर्ण परमात्मा के वास्तविक ज्ञान व समाधान को जानने वाले संर्तों को गीता अध्याय श्लोक ३४ में गीता 4 (प्रणिपातेन) भलीभाति दण्डवत् प्रणाम करनेसे उनकी ज्ञानदाता ने कहा है कि तत्वज्ञान (सेवया ) सेवा करनेसे और कपट छोड़कर ( परिप्रश्नेन) सरलतापूर्वक प्रश्न करनेसे (त) वे (तत्वदर्शिनः ) पूर्ण ब्रह्म तत्वदर्शी संत की fa की प्राप्ति के को तत्व से जानने वाले अर्थात् तत्वदर्शी ( ज्ञानिनः ) ज्ञानी यानि बिना गुरु के शरण में जाओ महात्मा तुझे उस ( ज्ञानम्) तत्वज्ञानका (उपदेक्ष्यन्ति  उपदेश करेंगे। (३४) इसी का प्रमाण गीता अध्याय 2 ज्ञान और भक्ति अधूरी है। श्लोक १५ १६ में भी है। तत्वदर्शी संत , सतगुक रामपाल जी मठानाज Sant Rampal Ji Maharaj Sant Rampal Ji Maharaj संत रामपाल जी महाराज जी से App Download #గగా য নিঃথুল্ক  निःशुल्क नामदीक्षा " ನ @Sain RampalJiMahara 5=70 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823  227M subscribers T7K videos गता अध्याय 4 का श्लोक ३४ तत् विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया বপঃএলি; ন নানমূ নানিন: ননেনথিনি:113411 33 अनुवादः पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि॰ उपरोक्त नाना प्रकार की साधना तो मनमाना आचरण है। मेरे तक की साधना की अटकल लगाया ज्ञान है परन्तु पूर्ण परमात्मा के पूर्ण मोक्ष मार्ग का मुझे भी ज्ञान नहीं है। उसके लिए इस मंत्र ३४ में कहा है कि उस  (तत्) तत्वज्ञान को (विद्धि) समझ उन पूर्ण परमात्मा के वास्तविक ज्ञान व समाधान को जानने वाले संर्तों को गीता अध्याय श्लोक ३४ में गीता 4 (प्रणिपातेन) भलीभाति दण्डवत् प्रणाम करनेसे उनकी ज्ञानदाता ने कहा है कि तत्वज्ञान (सेवया ) सेवा करनेसे और कपट छोड़कर ( परिप्रश्नेन) सरलतापूर्वक प्रश्न करनेसे (त) वे (तत्वदर्शिनः ) पूर्ण ब्रह्म तत्वदर्शी संत की fa की प्राप्ति के को तत्व से जानने वाले अर्थात् तत्वदर्शी ( ज्ञानिनः ) ज्ञानी यानि बिना गुरु के शरण में जाओ महात्मा तुझे उस ( ज्ञानम्) तत्वज्ञानका (उपदेक्ष्यन्ति  उपदेश करेंगे। (३४) इसी का प्रमाण गीता अध्याय 2 ज्ञान और भक्ति अधूरी है। श्लोक १५ १६ में भी है। तत्वदर्शी संत , सतगुक रामपाल जी मठानाज Sant Rampal Ji Maharaj Sant Rampal Ji Maharaj संत रामपाल जी महाराज जी से App Download #గగా য নিঃথুল্ক  निःशुल्क नामदीक्षा " ನ @Sain RampalJiMahara 5=70 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823  227M subscribers T7K videos - ShareChat
#🙏गुरु महिमा😇
🙏गुरु महिमा😇 - गीता ೫ गीता अध्याय १८ श्लोक ६२ अध्याय १८ का श्लोक ६२ हे भारत! तूसब प्रकार से उस परमेश्वर की की ही शरण में जा तम् एव शरणम् गच्छ सर्वभावेन भारत उस परमात्मा की कृपा शान्तिम् स्थानम् प्राप्स्यसि से ही तूपरम शान्ति को तथा सदा रहने तत्प्रसादात् पराम शाश्वतम्। ।६२।| वाले सतलोक को प्राप्त होगा| अनुवादः ( भारत) हे भारत! तू ( सर्वभावेन) सब प्रकारसे (तम् ) उस परमेश्वरकी (एव) ही (शरणम् ) शरणमें संत रामपाल जी महाराज जी से (गच्छ) जा। (तत्प्रसादात्) उस परमात्माकी कृपा से ही निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क तू (पराम्) परम (शान्तिम्) शान्तिको तथा (शाश्वतम्) पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823 सदा रहने वाला सत (स्थानम्) स्थान।धाम/ लोक को अर्थात् सत्लोक को (प्राप्स्यसि) प्राप्त होगा। (६२) गीता ೫ गीता अध्याय १८ श्लोक ६२ अध्याय १८ का श्लोक ६२ हे भारत! तूसब प्रकार से उस परमेश्वर की की ही शरण में जा तम् एव शरणम् गच्छ सर्वभावेन भारत उस परमात्मा की कृपा शान्तिम् स्थानम् प्राप्स्यसि से ही तूपरम शान्ति को तथा सदा रहने तत्प्रसादात् पराम शाश्वतम्। ।६२।| वाले सतलोक को प्राप्त होगा| अनुवादः ( भारत) हे भारत! तू ( सर्वभावेन) सब प्रकारसे (तम् ) उस परमेश्वरकी (एव) ही (शरणम् ) शरणमें संत रामपाल जी महाराज जी से (गच्छ) जा। (तत्प्रसादात्) उस परमात्माकी कृपा से ही निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क तू (पराम्) परम (शान्तिम्) शान्तिको तथा (शाश्वतम्) पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823 सदा रहने वाला सत (स्थानम्) स्थान।धाम/ लोक को अर्थात् सत्लोक को (प्राप्स्यसि) प्राप्त होगा। (६२) - ShareChat
#🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏गीता ज्ञान🛕
🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - ४गीता 7 5எ कृष्ण ने नहीं कहा" :- कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते q समय अध्याय ११ श्लोक ३२ में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व  कह रहा है कि लिए प्रकट हुआ हूँ। ९ लोकों को खाने के जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। जगतगुरु तत्वदर्शी सुंत रा्मपाल जी महाराज संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क पुस्तक प्राप्त करे के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823 GoegeP ४गीता 7 5எ कृष्ण ने नहीं कहा" :- कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते q समय अध्याय ११ श्लोक ३२ में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व  कह रहा है कि लिए प्रकट हुआ हूँ। ९ लोकों को खाने के जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। जगतगुरु तत्वदर्शी सुंत रा्मपाल जी महाराज संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क पुस्तक प्राप्त करे के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823 GoegeP - ShareChat
#🙏कर्म क्या है❓
🙏कर्म क्या है❓ - ४गीता 7 5எ कृष्ण ने नहीं कहा" :- कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते q समय अध्याय ११ श्लोक ३२ में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व  कह रहा है कि लिए प्रकट हुआ हूँ। ९ लोकों को खाने के जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। जगतगुरु तत्वदर्शी सुंत रा्मपाल जी महाराज संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क पुस्तक प्राप्त करे के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823 GoegeP ४गीता 7 5எ कृष्ण ने नहीं कहा" :- कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते q समय अध्याय ११ श्लोक ३२ में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व  कह रहा है कि लिए प्रकट हुआ हूँ। ९ लोकों को खाने के जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। जगतगुरु तत्वदर्शी सुंत रा्मपाल जी महाराज संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये निःशुल्क नामदीक्षा व निःशुल्क पुस्तक प्राप्त करे के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823 GoegeP - ShareChat
#🙏गुरु महिमा😇 #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🙏गुरु महिमा😇 - ४गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा ? 8 मैदान में पवित्र गीता जी का कुरुक्षेत्र के जव समय अध्याय ११ श्लोक ३२ में নান सुनाते पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हँl अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ सोचें किश्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री लास अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं ज्ञान को श्री कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महराज ४गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा ? 8 मैदान में पवित्र गीता जी का कुरुक्षेत्र के जव समय अध्याय ११ श्लोक ३२ में নান सुनाते पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हँl अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ सोचें किश्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री लास अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं ज्ञान को श्री कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महराज - ShareChat
#🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏गुरु महिमा😇
🙏गीता ज्ञान🛕 - गता अध्याय 4 का श्लोक ३४ तत् विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया বপঃএলি; ন নানমূ নানিন: ননেনথিনি:113411 33 अनुवादः पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि॰ उपरोक्त नाना प्रकार की साधना तो मनमाना आचरण है। मेरे तक की साधना की अटकल लगाया ज्ञान है परन्तु पूर्ण परमात्मा के पूर्ण मोक्ष मार्ग का मुझे भी ज्ञान नहीं है। उसके लिए इस मंत्र ३४ में कहा है कि उस  (तत्) तत्वज्ञान को (विद्धि) समझ उन पूर्ण परमात्मा के वास्तविक ज्ञान व समाधान को जानने वाले संर्तों को गीता अध्याय श्लोक ३४ में गीता 4 (प्रणिपातेन) भलीभाति दण्डवत् प्रणाम करनेसे उनकी ज्ञानदाता ने कहा है कि तत्वज्ञान (सेवया ) सेवा करनेसे और कपट छोड़कर ( परिप्रश्नेन) सरलतापूर्वक प्रश्न करनेसे (त) वे (तत्वदर्शिनः ) पूर्ण ब्रह्म तत्वदर्शी संत की fa की प्राप्ति के को तत्व से जानने वाले अर्थात् तत्वदर्शी ( ज्ञानिनः ) ज्ञानी यानि बिना गुरु के शरण में जाओ महात्मा तुझे उस ( ज्ञानम्) तत्वज्ञानका (उपदेक्ष्यन्ति  उपदेश करेंगे। (३४) इसी का प्रमाण गीता अध्याय 2 ज्ञान और भक्ति अधूरी है। श्लोक १५ १६ में भी है। तत्वदर्शी संत , सतगुक रामपाल जी मठानाज Sant Rampal Ji Maharaj Sant Rampal Ji Maharaj संत रामपाल जी महाराज जी से App Download #గగా য নিঃথুল্ক  निःशुल्क नामदीक्षा " ನ @Sain RampalJiMahara 5=70 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823  227M subscribers T7K videos गता अध्याय 4 का श्लोक ३४ तत् विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया বপঃএলি; ন নানমূ নানিন: ননেনথিনি:113411 33 अनुवादः पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि॰ उपरोक्त नाना प्रकार की साधना तो मनमाना आचरण है। मेरे तक की साधना की अटकल लगाया ज्ञान है परन्तु पूर्ण परमात्मा के पूर्ण मोक्ष मार्ग का मुझे भी ज्ञान नहीं है। उसके लिए इस मंत्र ३४ में कहा है कि उस  (तत्) तत्वज्ञान को (विद्धि) समझ उन पूर्ण परमात्मा के वास्तविक ज्ञान व समाधान को जानने वाले संर्तों को गीता अध्याय श्लोक ३४ में गीता 4 (प्रणिपातेन) भलीभाति दण्डवत् प्रणाम करनेसे उनकी ज्ञानदाता ने कहा है कि तत्वज्ञान (सेवया ) सेवा करनेसे और कपट छोड़कर ( परिप्रश्नेन) सरलतापूर्वक प्रश्न करनेसे (त) वे (तत्वदर्शिनः ) पूर्ण ब्रह्म तत्वदर्शी संत की fa की प्राप्ति के को तत्व से जानने वाले अर्थात् तत्वदर्शी ( ज्ञानिनः ) ज्ञानी यानि बिना गुरु के शरण में जाओ महात्मा तुझे उस ( ज्ञानम्) तत्वज्ञानका (उपदेक्ष्यन्ति  उपदेश करेंगे। (३४) इसी का प्रमाण गीता अध्याय 2 ज्ञान और भक्ति अधूरी है। श्लोक १५ १६ में भी है। तत्वदर्शी संत , सतगुक रामपाल जी मठानाज Sant Rampal Ji Maharaj Sant Rampal Ji Maharaj संत रामपाल जी महाराज जी से App Download #గగా য নিঃথুল্ক  निःशुल्क नामदीक्षा " ನ @Sain RampalJiMahara 5=70 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : +91 7496801823  227M subscribers T7K videos - ShareChat
#🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🙏गीता ज्ञान🛕 - Sant Rampal Ji | Maharaj | unveils the mysteries of the Bhagavad Gita Chapter 7 verse 29 Jaraamaranmokshaay; mam , aashritya, yatanti, Ye, Te, Brahm, tat', viduH, krtsnnam' , adhyaatmm', karm, ch, akhilam' Those who know my entire (adhyatm) spiritual knowledge and all actions those men strive to get rid of old age and] death. App Download our Official To receive free Initiation Sant Rampal Ji Maharaj and spiritual books by Sant Rampal Ji Maharaj Ji, GTIT C Play Google message us on WhatsApp: +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI SUPREMEGOD.ORG @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ Sant Rampal Ji | Maharaj | unveils the mysteries of the Bhagavad Gita Chapter 7 verse 29 Jaraamaranmokshaay; mam , aashritya, yatanti, Ye, Te, Brahm, tat', viduH, krtsnnam' , adhyaatmm', karm, ch, akhilam' Those who know my entire (adhyatm) spiritual knowledge and all actions those men strive to get rid of old age and] death. App Download our Official To receive free Initiation Sant Rampal Ji Maharaj and spiritual books by Sant Rampal Ji Maharaj Ji, GTIT C Play Google message us on WhatsApp: +91 7496801823 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI SUPREMEGOD.ORG @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ - ShareChat
#🙏🏻आध्यात्मिकता😇
🙏🏻आध्यात्मिकता😇 - गीता का गूढ़ ऱहस्य प्रश्नः- काल भगवान अर्थात ब्रह्यम अविनाशी है या जन्मता =् सरता है२ है। उत्तरः- जन्मता मरता अध्याय 4 का श्लोक 5 प्रमाण के लिए देखें - (भगवान उवाच) बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तवच अर्जुन श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 2 श्लोक १२, तानि अहम वेद सर्वाणि नत्वम वेत्थ परन्तप।।५। गीता अध्याय 4 श्लोक 5 अनुवादः ( परन्तप ) हे परन्तप (अर्जुन) अर्जुन। मेरे (च) ओर (तव) तेरे (बहूनि) (অন্সানি) बहुतःसे गीता अध्याय १० श्लोक 2 (व्यतीतानि) हो चुके हें। (तानि) उन ( सर्वाणि) जनम सबको (त्वम) तू (न) नहीं (वेत्थ ) जानता किंतु  में गीता ज्ञान दाता स्वयं स्वीकार करता है कि (अहम्) में (वेद ) जानता हूँ। (५) मेरी भी जन्म व मृत्यु होती है, मैं अविनाशी नहीं हूँ। हिन्दीः हे परन्तप अर्जुन! मेरे ओर तेरे बहुत से जन्म  हो चुके हें। उन सबको तू नहीं जानता किंतु में जानता  संत रामपाल जी महाराज द्वारा ख्वुलासा # निःशुल्क पायें  पवित्र पुस्तक  অপনা নাস, পুয পলা সত ज्ञान गगा +91 7496801823 1 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Ji SUPREMEGODORG @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ गीता का गूढ़ ऱहस्य प्रश्नः- काल भगवान अर्थात ब्रह्यम अविनाशी है या जन्मता =् सरता है२ है। उत्तरः- जन्मता मरता अध्याय 4 का श्लोक 5 प्रमाण के लिए देखें - (भगवान उवाच) बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तवच अर्जुन श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 2 श्लोक १२, तानि अहम वेद सर्वाणि नत्वम वेत्थ परन्तप।।५। गीता अध्याय 4 श्लोक 5 अनुवादः ( परन्तप ) हे परन्तप (अर्जुन) अर्जुन। मेरे (च) ओर (तव) तेरे (बहूनि) (অন্সানি) बहुतःसे गीता अध्याय १० श्लोक 2 (व्यतीतानि) हो चुके हें। (तानि) उन ( सर्वाणि) जनम सबको (त्वम) तू (न) नहीं (वेत्थ ) जानता किंतु  में गीता ज्ञान दाता स्वयं स्वीकार करता है कि (अहम्) में (वेद ) जानता हूँ। (५) मेरी भी जन्म व मृत्यु होती है, मैं अविनाशी नहीं हूँ। हिन्दीः हे परन्तप अर्जुन! मेरे ओर तेरे बहुत से जन्म  हो चुके हें। उन सबको तू नहीं जानता किंतु में जानता  संत रामपाल जी महाराज द्वारा ख्वुलासा # निःशुल्क पायें  पवित्र पुस्तक  অপনা নাস, পুয পলা সত ज्ञान गगा +91 7496801823 1 SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Ji SUPREMEGODORG @SAINTRAMPALJIM SAINT RAMPAL Jl MAHARAJ - ShareChat
#🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏गुरु महिमा😇
🙏गीता ज्ञान🛕 - गीता शा२ মালি; নম্বনা:; বনান; পিনুন; যালি; পিনল্না:; गीता अध्याय 9 श्लोक २५ में श्राद्ध যানি  भतानि  यान्ति   मद्याजिनः अपि॰ माम।। २५ পূনত্মা:  कारण यह नियम ह॰कि॰ व पिंड आदि कर्मकांड को गलत दवताओंको  प्राप्त होते ह यान्ति टववता:  (3111  पूबनेवाले  मार्कण्डेय पुराण में भी कहा है ননাসসাকা नेरा पूजन  दवान मद्याजिनः  प्रमाण है कि वेदों में पितर पूजा भूत प्राप्त हात ह करनवाल ्यान्त पितरांको  5#7 माम पितृवताः  पूजा यानि श्राद्ध कर्म को अविद्या यानि पजनेवाले সণি चितून  পিনযক্কী प्राप्त होते हॅ। का कार्य बताया है। मूर्खों ٢ সাদ চাঁন ৪ ( इसीलिय मेर यान्ति মূনানা  भक्तका पूजनेवाले पनजन्म भतज्याः ப মূনানা 71 संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये नामदीक्षा व निःशुल्क  Fajci संपर्क सूत्र  Getmo +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये  Ploy Google| गीता शा२ মালি; নম্বনা:; বনান; পিনুন; যালি; পিনল্না:; गीता अध्याय 9 श्लोक २५ में श्राद्ध যানি  भतानि  यान्ति   मद्याजिनः अपि॰ माम।। २५ পূনত্মা:  कारण यह नियम ह॰कि॰ व पिंड आदि कर्मकांड को गलत दवताओंको  प्राप्त होते ह यान्ति टववता:  (3111  पूबनेवाले  मार्कण्डेय पुराण में भी कहा है ননাসসাকা नेरा पूजन  दवान मद्याजिनः  प्रमाण है कि वेदों में पितर पूजा भूत प्राप्त हात ह करनवाल ्यान्त पितरांको  5#7 माम पितृवताः  पूजा यानि श्राद्ध कर्म को अविद्या यानि पजनेवाले সণি चितून  পিনযক্কী प्राप्त होते हॅ। का कार्य बताया है। मूर्खों ٢ সাদ চাঁন ৪ ( इसीलिय मेर यान्ति মূনানা  भक्तका पूजनेवाले पनजन्म भतज्याः ப মূনানা 71 संत रामपाल जी महाराज जी से Sant Rampal Ji Maharaj App Download कीजिये नामदीक्षा व निःशुल्क  Fajci संपर्क सूत्र  Getmo +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये  Ploy Google| - ShareChat