साहित्य शब्दकोश
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मुझे ShareChat पर फॉलो करें! 📍इंदौर @ राहुल सैनी
🌿भविष्य की चिंता ज़रूरी है... क्योंकी बुढ़ापा हमारा अतीत नहीं... हमारा भविष्य हैं। और दौर अपनों का नहीं... गैरों का है। आजकल कोई किसी का नहीं ! ® इसलिए अपने आज को... थोड़ा कल के लिए भी जमा करें। ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
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🌿कलयुगी दौर की गाथा ... हर रिश्ते ने अपनी ही हद से आगे बढ़ने का फ़ैसला लिया है। कुछ चरित्रहीन इंसान... जब दुनिया को अलग नज़र से पढ़ने लगे, तब समझ आया कि— कलयुग की शुरुआत हो चुकी है। ® अब अंत कैसा होगा, ये वक्त ही लिखेगा। ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
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🌿 सोशल मीडिया के दौर में... बचपन की मासूमियत पर... ज़वानी सवार होती जा रहीं हैं ! शर्म और लाज जैसे एहसास... धुंधले होते जा रहे हैं ! आजकल खुलेआम आज़ादी और दिखावें का दौर चल रहा है। ® सोचनें वालीं बात है... हम किस और अग्रसर हो रहे हैं। ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
sahitya_shabdkosh✍️ - सोशल मीडिया के दौर में मासूमियत पर.. बचपन की ज़वानी सवार होती जा रहीं हैं ! शर्म और लाज जैसे एहसास.. धुंधले होते जा रहे हैं ! खुलेआम आज़ादी आजकल और दिखावें का दौर चल रहा है। সীবন বালী নান ই हम किस और अग्रसर हो रहे हैं। 6 Rahul Saini Writer Sahitya_shabdkosh जीवन दृष्टि |l कलयुगी ज्ञान ।l तर्क |l समझदारी hul Rahul Saini सोशल मीडिया के दौर में मासूमियत पर.. बचपन की ज़वानी सवार होती जा रहीं हैं ! शर्म और लाज जैसे एहसास.. धुंधले होते जा रहे हैं ! खुलेआम आज़ादी आजकल और दिखावें का दौर चल रहा है। সীবন বালী নান ই हम किस और अग्रसर हो रहे हैं। 6 Rahul Saini Writer Sahitya_shabdkosh जीवन दृष्टि |l कलयुगी ज्ञान ।l तर्क |l समझदारी hul Rahul Saini - ShareChat
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🌿 कलयुगी दौर हैं... अब क़िरदार नहीं... नाम कमाना हैं ! जो जैसा हे, उसके लिए... खुद को वैसा बनाना हैं !! ® हर व्यक्ति के लिए...हमारा साधारण व्यवहार... स्वयं के लिए नुकसानदेह हो सकता हैं ! ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
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🌿 ये कलयुग है... यहाँ हर चेहरे पे...सच्चाई नहीं होती ! चालाकी का जमाना हे... आजकल तो रिश्तों में भी... बिन मतलब बात नहीं होती !! ® वक्त नहीं... सोच और समझदारी बदल रहीं हैं ! ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
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🌿एक नासमझ कहानी हूँ मैं... कोरा कागज नहीं हूं मैं... मैंने भी अपनी कहानी लिखी है। जो पढ़े, अपने हिसाब से समझ ले... मैंने भी जादू की कलम चला रखी है। मैं भी अपनी जिंदगी का जादूई लेखक हूँ ! ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
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🌿मेरा क़िरदार... मेरी कहानी... जिम्मेदारियों के चलते... कभी अपनी मनमर्ज़ी से नहीं चल सका ! अपनों की खातिर मैंने... अपने शौक को कभी मन की तिजोरी से बाहर नहीं निकाला। हर इंसान की कहानी उसके किरदार में छुपी होती हैं। ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
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