#🌷शुभ गुरुवार #👏भगवान विष्णु की अद्भुत लीला😇 #🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 #जय श्री कृष्णा #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स
#😢फेमस एक्टर का 68 की उम्र में निधन"निकलो यहां से। वो रहा दरवाज़ा। बाहर जाओ। और कभी यहां दोबारा मत आना।" बी.आर.चोपड़ा ने गुस्सा होकर पंकज धीर से कहा। पंकज धीर को उनके ऑफिस से बाहर निकाल दिया गया। चोपड़ा साहब के ऑफिस के बाहर पंकज धीर जब आए तो कईयों ने इनसे कहा कि ये क्या कर रहे हो? इतनी छोटी सी बात है। मान जाओ। कुछ दिन बाद सब पहले जैसा हो जाएगा। लेकिन पंकज धीर ने साफ इन्कार कर दिया। और ये वहां से चले गए। ये किस्सा महाभारत की कास्टिंग से जुड़ा है। कम ही लोग लोग जानते होंगे कि पंकज धीर साहब को डॉक्टर राही मासूम रज़ा व पंडित नरेंद्र शर्मा जी ने पहले अर्जुन के रोल के लिए चुना था। पंकज धीर तब बहुत खुश हुए थे। पंकज धीर ने कॉन्ट्रैक्ट भी साइन कर लिया। इनके दोस्तों व रिश्तेदारों में बात फैल गई थी कि पकंज तो महाभारत में अर्जुन बनने जा रहे हैं। लगभग दो महीने ऐसे ही गुज़र गए।
जब तीसरा महीना आया तो एक दिन बी.आर.चोपड़ा ने पंकज धीर को मिलने बुलाया। पंकज जी जब उनसे मिलने उनके ऑफिस आए तो चोपडा साहब ने कहा,"बरखुरदार, ये रोल निभाने के लिए तुम्हें अपनी मूछें कटानी होंगी।" पहले तो पंकज धीर बड़े हैरान हुए। लेकिन फिर साफ-साफ बोले,"मैं ये नहीं कर पाऊंगा सर।" बी.आर.चोपड़ा को पंकज धीर का यूं मना करना बड़ा अजीब लगा। उन्होंने वजह पूछी तो पंकज जी बोले,"मेरे चेहरे का बैलेंस कुछ ऐसा है कि अगर मैंने मूंछ हटा दी तो मेरा चेहरा अच्छा नहीं लगेगा।" तब बी.आर.चोपड़ा बोले,"तुम एक्टर हो कि क्या हो? इतने बड़े रोल के लिए एक मूंछ साफ नहीं करा सकते?" पंकज धीर ने फिर वही कहा,"मैं मूंछ साफ नहीं कर सकू्ंगा सर।" तभी पंकज धीर पर बी.आर.चोपड़ा भड़के थे और उन्होंने पंकज धीर को ऑफिस से निकल जाने को कहा था।
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि जब बी.आर.चोपड़ा पंकज धीर से इतने नाराज़ हो गए थे तो फिर उन्होंने पंकज धीर को कर्ण का किरदार क्यों दिया? तो इसकी कहानी कुछ यूं है कि कुछ महीने बाद एक दिन फिर से बी.आर.चोपड़ा ने पंकज धीर साहब को फोन किया। उन्होंने पंकज जी को अपने दफ्तर आने को कहा। जब पंकज धीर उनसे मिलने पहुंचे तो वो बोले,"कर्ण का रोल करोगे?" इन्होंने फौरन चोपड़ा साहब से पूछा,"मुझे मूंछ तो नहीं काटनी होगी ना सर?" बी.आर.चोपड़ा ने इन्हें बताया कि मूंछ काटने की ज़रूरत नहीं होगी इस रोल के लिए। पंकज जी खुशी-खुशी चोपड़ा साहब से बोले,"ज़रूर। मैं ये रोल ज़रूर निभाऊंगा।" इस तरह एक बार फिर से पंकज धीर जी को महाभारत में एंट्री मिली।
साथियों पंकज धीर जी आज हमेशा के लिए ये दुनिया छोड़ गए हैं। कैंसर की वजह से आज 15 अक्टूबर को पंकज धीर जी का देहांत हो गया है। जबकी 9 नवंबर 1959 को पंकज धीर जी का जन्म हुआ था। पकंज जी ने एक बार कहा था कि उस समय उन्होंने जो अपनी मूंछों की वजह से अर्जुन का किरदार ठुकरा दिया था, वो इनकी एक बड़ी गलती थी। क्योंकि बतौर एक्टर उन्हें किसी भी तरह के गेटअप के लिए हमेशा रेडी रहना चाहिए था। लेकिन चूंकि तब ये नादान थे तो इन्हें ये बात तब समझ में नहीं आती थी।
कर्ण का किरदार निभाने के बाद पंकज धीर देश का एक बहुत लोकप्रिय चेहरा बन गए थे। एक इंटरव्यू में पंकज धीर ने बताया था कि उस ज़माने में एक पॉप्युलैरिटी पोल हुआ करता था। उस पोल में राजीव गांधी पहले नंबर पर थे। अमिताभ बच्चन दूसरे नंबर पर थे। और तीसरे नंबर पर पंकज धीर हुआ करते थे। लोकप्रियता का आलम ये था कि देश के दूर-दराज के गावों में भी अगर पंकज धीर पहुंच जाते थे तो लोग इन्हें बहुत प्यार व सम्मान देते थे। लोगों को इनका असली नाम तक पता नहीं होता था। सब इन्हें कर्ण के नाम से ही जानते थे।
पकंज धीर कहते थे कि जब उन्हें कर्ण के किरदार के लिए साइन किया गया था तब वो कर्ण को सही से जानते ही नहीं थे। चूंकि वो मुंबई में पले-बढ़े थे और अंग्रेजी मीडियम में उनकी पढ़ाई-लिखाई हुई थी तो ना तो उन्हें संस्कृत का ज़रा भी ज्ञान था। और ना ही भारतीय ग्रंथों से वो बहुत अधिक परीचित थे। इसलिए जब पहली दफा डॉक्टर राही मासूम रज़ा ने पंकज धीर को इनके डायलॉग्स दिए तो इनके पसीने छूट गए। पंकज धीर राही साहब से मिले और अपनी मुश्किल उन्हें बताई। राही मासूम रज़ा ने इनसे कहा,"एक काम करो बेटा। एक अखबार आता है हिंदी में जिसका नाम है नवभारत टाइम्स। उसे खरीदो और घर पर ज़ोर-ज़ोर से उसे पढ़ो। ताकि तुम हिंदी के अभ्यस्त हो सको और तुम्हारी ज़ुबान खुले।"
डॉक्टर राही मासूम रज़ा के कहने पर पंकज धीर ने अखबार को वैसे ही पढ़ना शुरू किया। साथ ही साथ उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर जी की रश्मिरथी व शिवाजी सावंत की मृत्युंजय नामक दो किताबें भी पढ़ी। ये दोनों किताबें पढ़ने का सुझाव भी राही जी ने ही पंकज धीर को दिया था। राही मासूम रज़ा जी के ये दोनों सुझाव पंकज धीर के बहुत काम आए। कैमरे के सामने कर्ण के किरदार को पोर्ट्रे करने में उन्हें बड़ी मदद मिली इस अभ्यास से। पंकज धीर ने कहा था कि महाभारत के अपने किसी भी दृश्य में उन्होंने एक दफा भी पलकें नहीं झपकाई थी। ऐसा उन्होंने इसलिए किया था क्योंकि कर्ण एक सूतपुत्र था। इसलिए राजा-महाराजाओं के बीच में बैठते वक्त वो बहुत चौकन्ना रहता होगा। वो पलकें नहीं झपकाता होगा।
एक और एक्सपैरीमेंट जो पंकज धीर जी ने कर्ण के रोल से किया था वो ये कि, अपने संवादों में वो बहुत ज़ोर से नहीं बोलते थे। क्योंकि महाभारत के जिन अन्य दो किरदारों के बीच में उनका अधिकतर वक्त गुज़रता था, वो दोनों ही बहुत तेज़ बोलने वाले किरदार थे। वो किरदार थे दुर्योधन और शकुनि मामा। ऐसे में अगर कर्ण भी ज़ोर से बोलता तो वो अलग नहीं लगता। पंकज धीर ने कर्ण को ज़रा धीमे अंदाज़ में बोलने वाले शख्स के तौर पर प्रस्तुत किया। उनका ये प्रयोग बहुत सफल भी रहा। कर्ण का किरदार बहुत खिलकर सामने आया ऐसा करने से।
महाभारत में जब कर्ण के किरदार की मृत्यु वाला एपिसोड आया तो उसके बाद दर्शकों को कर्ण की बहुत याद आने लगी। ये वो वक्त था जब अर्जुन सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। एक दिन अर्जुन सिंह जी ने बी.आर.चोपड़ा के ऑफिस में फोन किया। उन्होंने पूछा कि कर्ण का कैरेक्टर निभाने वाला एक्टर कहां हैं? बी.आर.चोपड़ा ने उनसे पूछा कि बात क्या है? अर्जुन सिंह जी ने उन्हें बताया कि बस्तर ज़िले में कुछ आदिवासियों से मिलने के लिए उन्हें भेजना होगा। पंकज धीर भोपाल पहुंचे। वहां से हैलिकॉप्टर के ज़रिए इन्हें बस्तर ले जाया गया। और जब पंकज धीर आदिवासियों के बीच पहुंचे तो बड़े हैरान हुए। पंकज धीर बताते हैं कि कोई चार-पांच हज़ार आदमी थे। उन सभी ने महाभारत में कर्ण के मरने के दुख में अपना सिर मुंडवा लिया था।
उस वक्त पंकज धीर को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था। वो हैरत में थे। और सोच रहे थे कि हमारे देश में ऐसा भी होता है? जब पंकज धीर उन लोगों के बीच पहुंचे तो वो लोग बहुत खुश हुए। जो भी इन्हें देखता, वो हाथ जोड़ लेता। पंकज जी ने उन्हें बताया कि मैं एकदम सही सलामत हूं। डेथ सिर्फ सीरियल में हुई है। बाद में उन लोगों ने पंकज धीर जी को चांदी में तौला था। #PankajDheer #rippankajdheer #pankajdheerdeath #mahabharat #BRChopra #pankajdheermahabharat #pankajdheerkarn
हे ईश्वर। यकीन करना मुश्किल है। पंकज धीर नहीं रहे। आज मृत्यु हो गई उनकी। अभी-अभी आज तक पर खबर देखी है उनकी। ईश्वर पंकज धीर जी की आत्मा को शांति दे। आजतक से बातचीत करते हुए पंकज धीर जी के मित्र अमित बहल ने ये जानकारी दी है। पंकज जी काफ़ी समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे। एक बार को तो वो काफ़ी ठीक भी हो गए थे। उस वक्त बताया गया था कि पंकज धीर कैंसर मुक्त हो गए हैं। मगर कुछ महीनों पहले उनका कैंसर फिर से लौट आया। पंकज जी को एक सर्जरी भी करानी पड़ी। मगर उनकी हालत ठीक नहीं हुई। आज पंकज धीर साहब इस दुनिया से विदा हो गए। बहुत बुरा हुआ है ये। #PankajDheer #rippankajdheer #📢15 अक्टूबर के अपडेट 🗞️ #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏कर्म क्या है❓ #✡️सितारों की चाल🌠
#📢15 अक्टूबर के अपडेट 🗞️
"पहले पैसों की बात कर लीजिए। क्योंकि अब अल्ताफ़ राजा लाखों में बात करते हैं।" अल्ताफ़ राजा के सेक्रेटरी ने ये बात संगीतकार आनंद-मिलिंद से कही थी। क्यों कही थी? इस कहानी में हम और आप जानेंगे। आज अल्ताफ़ राजा का जन्मदिन है। अल्ताफ़ राजा आज 58 साल के हो गए हैं। 15 अक्टूबर 1967 को अल्ताफ राजा जी का जन्म हुआ था। चलिए वो कहानी जानते हैं।
जब 'तुम तो ठहरे परदेसी' गीत सुपरहिट हो गया तो फ़िल्म वालों ने भी अल्ताफ़ राजा के गाने अपनी फिल्म में रखने के बारे में सोचना शुरू कर दिया। जब आनंद-मिलिंद दूल्हे राजा फ़िल्म का संगीत कंपोज़ कर रहे थे तो उन्होंने भी एक गाना अल्ताफ़ राजा की आवाज़ में रखने का फैसला किया। और वो गाना था अंखियों से गोली मारे। उन्होंने जब गाने के बारे में बात करने को अल्ताफ़ राजा को फोन किया तो अल्ताफ राजा के सेक्रेटरी ने उनसे कहा कि वो गाने तो आ जाएंगे। मगर अब लाखों में बात करते हैं।
तब आनंद-मिलिंद ने उनसे कहा कि इस फ़िल्म का बजट उतना नहीं है। इसलिए फिर कभी अल्ताफ़ राजा के साथ काम करेंगे। आनंद मिलिंद ने वो गाना सोनू निगम से रिकॉर्ड करा लिया। और जब दूल्हे राजा के गाने मार्केट में आए तो अंखियों से गोली मारे गाना ज़बरदस्त हिट हुआ। और जब बाद में अल्ताफ़ राजा को पता चला कि आनंद मिलिंद उनसे ये वाला गाना रिकॉर्ड कराना चाहते थे, तो उन्हें बहुत अफ़सोस हुआ। उन्होंने आनंद मिलिंद से कहा भी कि बहुत बड़ी गलती हो गई मुझसे। काश मैंने ये गाना गाया होता। मेरी तो ज़िंदगी बन जाती। ये बात गीतकार समीर जी ने एक पोडकास्ट में बताई थी।
तो साथियों, जैसे कहते हैं कि दाने-दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम। ऐसे ही कहना चाहिए गाने-गाने पर लिखा है गाने वाले का नाम। अल्ताफ़ राजा के नसीब में वो गाना था ही नहीं। वो सोनू निगम को ही गाना था। हालांकि अल्ताफ़ राजा ने फ़िल्मों में गायकी की। मगर उतनी नहीं जितना कि वो चाहते होंगे। और फ़िल्मों में भी उनका एकाध गाना ही हिट हुआ था। सबसे बड़ा हिट तो शपथ फ़िल्म का "थोड़ा इंतज़ार का मज़ा लीजिए" ही रहा था। बहुत चला था वो गाना साहब।
वैसे जब अल्ताफ़ राजा की "तुम तो ठहरे परदेसी" वाली एल्बम आई थी तो वो भी बहुत हिट हुई थी। हमारे पास भी थी एख कैसेट। एक किस्सा याद आ रहा है इस बात से बचपन का ही। नाना का घर पास में ही था। और म्यूज़िक सिस्टम उनके ही घर था। मामा को शौक था इन सब चीज़ों का। बढ़िया कॉलम थी। तगड़े साउंड वाली। और बढ़िया वाला कैसेट प्लेयर था। नाना हमारे भी खड़ूस ही थे। उन्हें पता नहीं क्यों? चिढ़ होती थी सबका साथ बैठकर म्यूज़िक सिस्टम चलाना। मोस्टली वो बड़ बड़ करते थे। और मुझे बहुत बुरे लगते थे उस वक्त नाना।
उस ज़माने में इन्वर्टर नहीं हुआ करते थे हर घर में। हमारे यहां के जो सबसे संपन्न लोग थे उनके यहां भी इन्वर्टर नहीं था। तो टीवी या कैसेट प्लेयर, या कोई भी बिजली की मशीन बिजली भागने पर डायरेक्ट बंद हो जाती थी पावरकट होने पर। और अगर स्विच ऑफ़ ना करो तो फिर से शुरू हो जाती थी पावर आने पर। एक दिन नाना ने सबका मूड खराब किया हुआ था। और उसी वक्त पावर कट हो गया। पावर कट हुआ तो सब इधर-उधर चलते बने। मैं भी। नाना ने आंखें बंद कर ली। और कुछ ही देर में वो खराटे भरने लगे। मुझे एक खुराफ़ात सूझी।
मैं चुपके से उस कमरे में गया जहां म्यूज़िक प्लेयर रखा हुआ था। मैंने उसका स्विच फिर से ऑन कर दिया। और साउंड भी फुल खोल दिए। यानि बिजली आते ही एक धमाल मच जाना था। और मचा भी। कुछ देर बाद जब बिजली फिर से आई तो बहुत तेज़ आवाज़ में अल्ताफ़ राजा का गाना "तुम आज तो पत्थर बरसा लो, कल रोओगे इस पागल के लिए।" प्ले हो गया। नाना गुस्से से बिलबिलाते हुए आए और उन्होंने कॉलम को ज़मीन पर फेंककर मारा। वो तब भी बजती रही। फिर उन्होंने स्विच ऑफ़ कर दिया। और मामा की जमकर क्लास लगा दी। मैं खामोशी से अपने घर(जो कि एकदम बराबर में था।) आ गया।
मुझे तब ये डर लगने लगा कि अगर इन लोगों को पता चल गया कि ये मैंने किया था तो मेरे पापा तो मेरी ढंग से सुताई कर देंगे। वो वैसे ही बहाने ढूंढते रहते थे तब मुझे कूटने के। मगर मैं बच गया। क्योंकि किसी को पता नहीं चला। मैंने आजतक किसी को नहीं बताया कि उस दिन वो हरकत मैंने की थी। नाना बेचारे कब के चले गए इस दुनिया से। कभी मिलेंगे दूसरे जहां में तो बताएंगे नाना को कि वो कांड मैंने किया था तब। आई एम श्योर नाना हंसेंगे ये सुनकर। अल्ताफ़ राजा साहब को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। #altafraja #happybirthdayaltafraj Altaf Raja
#💗80's सांग्स परफॉरमेंस🎵 #😍रोमांटिक गाने🎶 #🎶ब्रेकअप सॉन्ग💔 #🔥हिट सॉन्ग🎷
#💔 हार्ट ब्रेक स्टेटस #❤️प्यार वाले स्टेटस ❤️ #🖋कहानी: टूटे दिल की💔 #💝 इज़हार-ए-मोहब्बत #🥰लव कोट्स🌹
एक तंत्र का जानकार व्यक्ति था । उसने एक प्रेत सिद्ध कर लिया, उस प्रेत को तरह तरह के रूप बनाने आते थे । उसने प्रेत को सीखा दिया की जब मै तुम्हे बुलाऊंगा तुम कृष्ण का रूप धरके सामने आ जाना । मथुरा के मेले मे उसने अपनी दुकान लगाई । दुकान पर लिख दिया की मै साक्षात भगवान कृष्ण का दर्शन करवाऊंगा । जब कोई ग्राहक आता तो यह व्यक्ति कुछ मंत्र बोलता था और सामने साक्षात कृष्ण दिखाई पड़ते । मोरमुकुट, मेघश्याम कांति, हाथ मे बंसी । यह बात धीरे धीरे ब्रज क्षेत्र मे फैलने लगी ।
ठाकुर श्री विजय कृष्ण गोस्वामी उसके पास जाकर बोले की हमे भगवान कृष्ण का दर्शन कराओ । उसके मंत्र बोलते ही सामने श्रीकृष्ण स्वरूप का दर्शन हुआ । श्री विजय कृष्ण गोस्वामी सोचने लगे की भगवान के दर्शन होते ही रोम रोम खिल उठता है, आनंद की लहर दौड़ पड़ती है । यहां तो कोई आनंद नही हो रहा । पैसा लेकर कोई भगवान को बुलावे और भगवान प्रकट हो जाये , यह संभव नही । ये तो भगवान नही कोई और है । उन्होंने अपने गुरुदेव का स्मरण किया और महामंत्र का उच्चारण तीव्र गति से करने लगे ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
उस प्रेत का असली स्वरूप प्रकट हो गया । उसने अपने मालिक से कहां की मेरा शरीर जल रहा है, मै जल जाऊंगा । पता नही यह कौनसा मंत्र बोल रहा है । इस मंत्र से मेरी शक्ति क्षीण हो रही है । इसका मंत्र जप बंद करवाओ और इसको मेरे सामने से हटाओ । श्री विजय कृष्ण गोस्वामी ने उससे कहां की शपथ पूर्वक कहो की हम पुनः किसीको ठगेंगे नही और ब्रज की सीमा से बाहर चले जाओ । उस प्रेत ने कहां की वह पुनः ब्रज मे कभी नही आएगा और किसीको भी ठगने मे किसी तांत्रिक की सहायता भी नही करेगा । इसके बाद श्री विजय कृष्ण गोस्वामी वहां से चले गए ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
#🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🙏कर्म क्या है❓ #🚩जय श्री खाटूश्याम 🙏 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #✡️ज्योतिष समाधान 🌟
#🙏शुभ मंगलवार🌸 #🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #🕉️सनातन धर्म🚩 #🔊सुन्दर कांड🕉️ #🙏🏻हनुमान जी के भजन
#😇सोमवार भक्ति स्पेशल🌟 #🌞 Good Morning🌞 #शिव पार्वती #हर हर महादेव
#हर हर महादेव 🔱
https://www.facebook.com/profile.php?id=100015357491280&mibextid=ZbWKwL
#😇सोमवार भक्ति स्पेशल🌟 #🌞 Good Morning🌞 #🙏प्रातः वंदन #हर हर महादेव
#शिव पार्वती
#😇सोमवार भक्ति स्पेशल🌟
https://www.facebook.com/profile.php?id=100015357491280&mibextid=ZbWKwL
#📢12 अक्टूबर के अपडेट 🗞️ #🌞 Good Morning🌞 #🌷शुभ रविवार #🙏प्रातः वंदन #🌅 सूर्योदय शुभकामनाएं
https://www.facebook.com/share/1755H5s8zn/
#🙏रोजाना भक्ति स्टेट्स #🤗जया किशोरी जी🕉️ #राधा कृष्ण #🙏कन्या संक्रांति 🚩 #❤️Love You ज़िंदगी ❤️