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#बचपन #ऐसा होता है बचपन ❤ #यादें बचपन की #बचपन की यादें #बचपन की यादे
सभी आउटसोर्सिंग, संविदा, दैनिक वेतन व डे-वेज कर्मचारियों हेतु महत्वपूर्ण सूचना
प्रिय साथियों,
उत्तर प्रदेश #आउटसोर्सिंग #संविदा #कर्मचारी संघ आप सभी साथियों को सूचित करता है कि आपकी हर समस्या और शिकायत हेतु सरकार द्वारा जारी किए गए सभी हेल्पलाइन नंबर, ईमेल व पोर्टल नीचे समस्या-वार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
किसी भी प्रकार के अन्याय, वेतन रोकने, गलत टर्मिनेशन या श्रम कानून उल्लंघन पर तुरंत इन माध्यमों पर शिकायत करें।
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🔵 1. वेतन न मिलना / वेतन रोकना / न्यूनतम वेतन न देना
✔ सैलरी देर से मिलना
✔ 2–3 महीने की मजदूरी रोक देना
✔ पूरा वेतन न देना
📞 राष्ट्रीय श्रम शिकायत हेल्पलाइन: 14420
📞 UP श्रम विभाग हेल्पलाइन: 1800-180-5717
🌐 श्रम समाधान पोर्टल: samadhan.labour.gov.in
📧 Email: helpdesk-shramik@labour.gov.in
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🔵 2. ओवरटाइम का भुगतान न करना / डबल OT न देना
📞 UP Labour Helpline — 1800-180-5717
📧 complaints-mole@gov.in
🌐 samadhan.labour.gov.in
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🔵 3. गलत टर्मिनेशन / नौकरी से निकालना / धमकी देना
📞 राष्ट्रीय श्रम हेल्पलाइन — 14420
🌐 samadhan.labour.gov.in
📞 महिला टर्मिनेशन/उत्पीड़न हेतु — 1090
📞 आपात स्थिति — 112
⸻
🔵 4. PF (EPF) कटौती के बाद भी जमा न होना / UAN समस्या
📞 EPFO Toll-Free: 1800-118-005
📞 PF Helpline: 14470
📧 Employee Email: employeefeedback@epfindia.gov.in
🌐 PF Complaint Portal: epfigms.gov.in
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🔵 5. ESI कार्ड न बनना / ESI सुविधा न मिलना / अस्पताल में इंकार
📞 ESIC हेल्पलाइन: 1800-11-2526
📧 ESIC शिकायत: jd-pghq@esic.in
🌐 ESIC Complaint Portal: esic.gov.in
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🔵 6. कार्यस्थल पर गाली-गलौज, उत्पीड़न, बदसलूकी
📞 श्रम हेल्पलाइन — 14420
📞 पुलिस आपात — 112
📞 महिला हेल्पलाइन — 1090
📧 complaints-mole@gov.in
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🔵 7. महिलाओं को कम वेतन / भेदभाव / सुरक्षा समस्या
📞 महिला हेल्पलाइन: 1090
📞 राष्ट्रीय महिला आयोग: 7827170170
📧 ncw@nic.in
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🔵 8. PF/ESI, सैलरी, टर्मिनेशन सहित किसी भी सरकारी विभाग की शिकायत
📞 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (UP): 1076
🌐 jansunwai.up.nic.in
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🔵 9. ठेकेदार द्वारा भाग जाना / नए ठेकेदार द्वारा पुराने कर्मचारियों को हटाना
📞 UP Labour Dept — 1800-180-5717
📞 National Labour — 14420
🌐 samadhan.labour.gov.in
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🔵 10. किसी भी प्रकार की श्रम कानून उल्लंघन / अन्याय / शोषण
📞 National Helpline — 14420
🌐 Shram Suvidha Portal — shramsuvidha.gov.in
📧 help-shramsuvidha@gov.in
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🔵 11. अत्यधिक घंटे काम कराना / जबरन ड्यूटी / अवैध कटौती
📞 UP Labour Dept — 1800-180-5717
📧 complaints-mole@gov.in
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🔷 संगठन की अपील
किसी भी प्रकार की समस्या पर सही नंबर पर तुरंत शिकायत करें, और उसकी कॉपी संगठन को भी भेजें ताकि हम आपकी मदद कर सकें।
संघ आपकी आवाज़ है — और हर कर्मचारी की सुरक्षा हमारा कर्तव्य है।
कृपया
उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ का सपोर्ट करें,,,🙏 #निविदा कर्मचारी
#🌳नेचर फोटोग्राफी📷 #🌷गार्डन फोटोग्राफी #💐 फ्लावर फोटोग्राफी #🌼 मेरा बगीचा 🌸 #🎄हरे पेड़
#संविदा कर्मचारी #कर्मचारी #निविदा कर्मचारी #राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद #कर्मचारी भविष्य निधि
सभी #आउटसोर्सिंग, #संविदा, #दैनिक वेतन व डे-वेज कर्मचारियों हेतु महत्वपूर्ण सूचना
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किसी भी प्रकार के अन्याय, वेतन रोकने, गलत टर्मिनेशन या श्रम कानून उल्लंघन पर तुरंत इन माध्यमों पर शिकायत करें।
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🔵 1. वेतन न मिलना / वेतन रोकना / न्यूनतम वेतन न देना
✔ सैलरी देर से मिलना
✔ 2–3 महीने की मजदूरी रोक देना
✔ पूरा वेतन न देना
📞 राष्ट्रीय श्रम शिकायत हेल्पलाइन: 14420
📞 UP श्रम विभाग हेल्पलाइन: 1800-180-5717
🌐 श्रम समाधान पोर्टल: samadhan.labour.gov.in
📧 Email: helpdesk-shramik@labour.gov.in
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📞 आपात स्थिति — 112
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📧 Employee Email: employeefeedback@epfindia.gov.in
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🌐 ESIC Complaint Portal: esic.gov.in
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📞 महिला हेल्पलाइन: 1090
📞 राष्ट्रीय महिला आयोग: 7827170170
📧 ncw@nic.in
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📞 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (UP): 1076
🌐 jansunwai.up.nic.in
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📧 help-shramsuvidha@gov.in
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📧 complaints-mole@gov.in
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🔷 संगठन की अपील
किसी भी प्रकार की समस्या पर सही नंबर पर तुरंत शिकायत करें, और उसकी कॉपी संगठन को भी भेजें ताकि हम आपकी मदद कर सकें।
संघ आपकी आवाज़ है — और हर कर्मचारी की सुरक्षा हमारा कर्तव्य है आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ
क्या पति द्वारा अपनी पत्नी (जो गृहिणी थी) के नाम पर खरीदी गई संपत्ति को "व्यक्तिगत संपत्ति" माना जाएगा या "संयुक्त पारिवारिक संपत्ति", और क्या उसमें पहली पत्नी के बच्चों का भी अधिकार होगा?
🔍 कानूनी स्थिति का सारांश:
यदि पत्नी (दूसरी पत्नी) के पास अपनी कोई स्वतंत्र आय नहीं थी और संपत्ति पति द्वारा खरीदी गई थी, तो इसे पति की संपत्ति माना जाएगा, भले ही वह पत्नी के नाम पर क्यों न हो।
इसका अर्थ यह है कि ऐसी संपत्ति, जब तक यह साबित न हो कि पत्नी ने अपनी आय से खरीदी है, पति की मानी जाएगी, और पति के सभी वैध वारिसों को उसमें विरासत का अधिकार होगा — चाहे वे पहली पत्नी से हों या दूसरी से।
⚖️ प्रासंगिक निर्णय के मुख्य बिंदु:
हाई कोर्ट ने माना कि अगर कोई पति अपनी पत्नी (जो गृहिणी है) के नाम पर संपत्ति खरीदता है, तो यह बेनामी लेनदेन नहीं है, बल्कि इसे माना जाएगा कि पति ने अपने स्रोत से संपत्ति खरीदी और पत्नी को दिया।
जब कोई स्वतंत्र आय का स्रोत नहीं है, तो यह साबित करना दूसरी पत्नी की जिम्मेदारी होगी कि संपत्ति उसकी अपनी है।
बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 की धारा 2(9)(A)(b) भी इस बात की अनुमति देती है कि पति अपने परिवार के सदस्य के नाम संपत्ति खरीद सकता है, और इसे बेनामी नहीं माना जाएगा।
✅ आपके केस में उत्तर:
चूँकि संपत्ति पति ने अपने पैसे से खरीदी और पत्नी (दूसरी) के नाम रजिस्टर्ड कराई, और अगर यह साबित हो जाए कि दूसरी पत्नी की कोई स्वतंत्र आय नहीं थी, तो वह संपत्ति संयुक्त पारिवारिक संपत्ति मानी जाएगी।
🔹 इसलिए, पहली पत्नी का बेटा (संतान) उस संपत्ति में कानूनी रूप से हिस्सेदार है।
🔹 दूसरी पत्नी केवल अपने बच्चों के नाम पर पूरी संपत्ति नहीं कर सकती।
🔹 यदि दूसरी पत्नी उसे हड़पना चाहती है, तो पहली पत्नी का बेटा कोर्ट में वाद दायर कर सकता है — "विरासत का दावा" करते हुए।
🛑 ध्यान दें:यदि दूसरी पत्नी ने बाद में उस संपत्ति को अपने बच्चों या किसी और के नाम कर दिया है (जैसे उपहार पत्र/गिफ्ट डीड के ज़रिए), तो वह चुनौती के दायरे में आएगा, क्योंकि वह पूर्ण स्वामिनी नहीं थी।
📝 निष्कर्ष:
संपत्ति पति की मानी जाएगी।
सभी वैध संतानों (पहली और दूसरी पत्नी से) को बराबर का हिस्सा मिलेगा।
दूसरी पत्नी की सिर्फ नाम पर मौजूदगी, उसे एकमात्र मालिक नहीं बनाती। #कानून





