Divyansh Garg
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भक्ति पथ धारा
#🌸 बोलो राधे राधे #🎵 राधा-कृष्ण भजन 🙏 #🙏 राधा रानी #😊कृष्ण कथाएं #🌸 जय श्री कृष्ण😇
🌸 बोलो राधे राधे - eiE | श्री राधा रानी-चरण बंदौं बारंबार। जिन के कृपा-्कटाच्छ तें रीझैं नंदकुमार।I ँजिन के पद रजू परस तें स्याँम होयँ बेभान। बंदौं तिन पद रज कननि मधुर रसनि के खान।I५ hiskon hwptod eiE | श्री राधा रानी-चरण बंदौं बारंबार। जिन के कृपा-्कटाच्छ तें रीझैं नंदकुमार।I ँजिन के पद रजू परस तें स्याँम होयँ बेभान। बंदौं तिन पद रज कननि मधुर रसनि के खान।I५ hiskon hwptod - ShareChat
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🌸 जय श्री कृष्ण😇 - श्री हरिचक्रावतार अखण्ड भूमण्डलाचार्य चक्रचूडामणि द्वैताद्वैतमत प्रवर्तक जगद्गुरु श्री भगवन्निम्बार्काचार्य जी श्री हरिचक्रावतार अखण्ड भूमण्डलाचार्य चक्रचूडामणि द्वैताद्वैतमत प्रवर्तक जगद्गुरु श्री भगवन्निम्बार्काचार्य जी - ShareChat
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🌸 बोलो राधे राधे - Ilಿaf: Il गीताजी गीता अलौकिक ग्रन्थ है। इसका आप पठन करो, मनन करो, इसके गहरे भावों को समझो। इसमें बहुत ही सुगम बातें सरलता से समझायी गयी हैं। केवल आप सरल हृदय से परमात्मा की प्राप्ति के लिये लग जायँ, तो जो काम कर रहे हैं, उसी से आपको परमात्मा का प्रेम प्राप्त हो जाय। (कृपामयी भगवतगीता, पृष्ठ संख्या ११) श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज Ilಿaf: Il गीताजी गीता अलौकिक ग्रन्थ है। इसका आप पठन करो, मनन करो, इसके गहरे भावों को समझो। इसमें बहुत ही सुगम बातें सरलता से समझायी गयी हैं। केवल आप सरल हृदय से परमात्मा की प्राप्ति के लिये लग जायँ, तो जो काम कर रहे हैं, उसी से आपको परमात्मा का प्रेम प्राप्त हो जाय। (कृपामयी भगवतगीता, पृष्ठ संख्या ११) श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज - ShareChat
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🌸 जय श्री कृष्ण😇 - ।Iश्रीहरिः।l - श्री भगवन्वान भहिा ते धन्यास्ते कृतार्थाश्च तैरेव सुकृतं कृतम् तैराप्तं जन्मनः प्राप्यं ये कलौ कीर्तयन्ति माम् Il भगवान् कहते हैं- 'जो कलियुगमें मेरा कीर्तन करते हैं, वे धन्य हैं, हैं, उन्होंने ही पुण्य कर्म 4 कृतार्थ किया है तथा उन्होंने ही जन्म और जीवनका पाने योग्य फल पाया हैIl श्रीराम जयराम जय जयराम गोरखपुर श्रीभगवन्नाम चिन्तन, पुस्तक गीताप्रेस  श्रद्धेय श्री हनुमानप्रसादजी पोद्दार  ।Iश्रीहरिः।l - श्री भगवन्वान भहिा ते धन्यास्ते कृतार्थाश्च तैरेव सुकृतं कृतम् तैराप्तं जन्मनः प्राप्यं ये कलौ कीर्तयन्ति माम् Il भगवान् कहते हैं- 'जो कलियुगमें मेरा कीर्तन करते हैं, वे धन्य हैं, हैं, उन्होंने ही पुण्य कर्म 4 कृतार्थ किया है तथा उन्होंने ही जन्म और जीवनका पाने योग्य फल पाया हैIl श्रीराम जयराम जय जयराम गोरखपुर श्रीभगवन्नाम चिन्तन, पुस्तक गीताप्रेस  श्रद्धेय श्री हनुमानप्रसादजी पोद्दार - ShareChat
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🌸 बोलो राधे राधे - [ गौविन्द गपालवी नया ٤ द्रौपदी 1 भगवान श्रीकृष्ण  [ 9 778(75 875& जीवका नित्य साम्बन्घा है । केवल सांस्ारक क्था जोडूनेसे हौ सम्बन्ध नित्य सम्बन्धकी विस्मृति हुई है । [ गौविन्द गपालवी नया ٤ द्रौपदी 1 भगवान श्रीकृष्ण  [ 9 778(75 875& जीवका नित्य साम्बन्घा है । केवल सांस्ारक क्था जोडूनेसे हौ सम्बन्ध नित्य सम्बन्धकी विस्मृति हुई है । - ShareChat
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🌸 जय श्री कृष्ण😇 - ।|श्रीहरिः || जबतक अखण्ड स्मरण न हो तबतक बार-्बार अभ्यास के द्वारा स्मरण की चेष्टा करो। नियम कर लो और मन को और जगहों में जाने से रोकने की सतत चेष्टा करते हुए उसे भगवान् में लगाते रहो। भगवान् की कृपा से मन अभ्यास करते-्करते भगवान् में लग ही जायगा। के पुष्प " (भगवान् की पूजा  पृष्ठ संख्या ७८ ) पूज्य भाईजी हनुमानप्रसादजी पोद्दार ।|श्रीहरिः || जबतक अखण्ड स्मरण न हो तबतक बार-्बार अभ्यास के द्वारा स्मरण की चेष्टा करो। नियम कर लो और मन को और जगहों में जाने से रोकने की सतत चेष्टा करते हुए उसे भगवान् में लगाते रहो। भगवान् की कृपा से मन अभ्यास करते-्करते भगवान् में लग ही जायगा। के पुष्प " (भगवान् की पूजा  पृष्ठ संख्या ७८ ) पूज्य भाईजी हनुमानप्रसादजी पोद्दार - ShareChat
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🌸 जय श्री कृष्ण😇 - ।। ऊ० श्ीपरमात्मने 6T: I जैसे कोई भूला हुआ आदमी शामतक पहुँच घर और अभीतक रोटी गया, नहीं बनी है॰ भोजन भी नहीं किया है; परन्तु एक सन्तोष होता है कि घरपर पहुँच गये! अब धीरे ्धीरे रोटी भी बन 9 जायगी , भोजन कर लेँगे, आराम भी करेँगे! इसी तरहसे भगवान्के शरण होते মনন্ধী ही f हलचल जाती अपने f & अब असली आगये! घरपर परमश्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज ।। ऊ० श्ीपरमात्मने 6T: I जैसे कोई भूला हुआ आदमी शामतक पहुँच घर और अभीतक रोटी गया, नहीं बनी है॰ भोजन भी नहीं किया है; परन्तु एक सन्तोष होता है कि घरपर पहुँच गये! अब धीरे ्धीरे रोटी भी बन 9 जायगी , भोजन कर लेँगे, आराम भी करेँगे! इसी तरहसे भगवान्के शरण होते মনন্ধী ही f हलचल जाती अपने f & अब असली आगये! घरपर परमश्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज - ShareChat
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🌸 बोलो राधे राधे - जब तक गाय घरों में थी तब रहती भी घर से दूर रहती थी களிி 0 जब तक गाय घरों में थी तब रहती भी घर से दूर रहती थी களிி 0 - ShareChat
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🌸 जय श्री कृष्ण😇 - ।श्रीहरिः। संत में या भगवान में प्रेम कैसे हो? ~ इस प्रश्न के उत्तर में यही समझ में आता है कि संत एवं दोनों ही प्रेम के समुद्र हैं; असीम प्रेम भगवान निरन्तर लहरा रहा है। कोई भी- चाहे ೩೯ उसका मन कितना भी गंदा क्यों न हो, उसी v-dే W a సగగా uff ఖTaI # uT संत से उसे जोड़ दें तो निश्चित समझिये , गंदगी तो आप ही मिट जायगी और स्वयं मन ही प्रेमरूप हो जायगा , प्रेम-्ही-प्रेम रह जायगा। (आस्तिकता की आधार शिलाएँ, पृष्ठ संख्या ४१) पूज्य राधा बाबा ।श्रीहरिः। संत में या भगवान में प्रेम कैसे हो? ~ इस प्रश्न के उत्तर में यही समझ में आता है कि संत एवं दोनों ही प्रेम के समुद्र हैं; असीम प्रेम भगवान निरन्तर लहरा रहा है। कोई भी- चाहे ೩೯ उसका मन कितना भी गंदा क्यों न हो, उसी v-dే W a సగగా uff ఖTaI # uT संत से उसे जोड़ दें तो निश्चित समझिये , गंदगी तो आप ही मिट जायगी और स्वयं मन ही प्रेमरूप हो जायगा , प्रेम-्ही-प्रेम रह जायगा। (आस्तिकता की आधार शिलाएँ, पृष्ठ संख्या ४१) पूज्य राधा बाबा - ShareChat