बिनोद कुमार शर्मा
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बिनोद कुमार शर्मा
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#श्री रामलला दर्शन अयोध्या
श्री रामलला दर्शन अयोध्या - *श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम के प्रातः कालीन प्रभु राम लला के दर्शन* मार्गशीर्ष, शुक्ल पक्ष, तिथि सप्तमी, संवत् २०८२, 87 गुरुवार, २७ नवंबर २०२५७* *जय श्री राम, जय सियाराम* *श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या धाम के प्रातः कालीन प्रभु राम लला के दर्शन* मार्गशीर्ष, शुक्ल पक्ष, तिथि सप्तमी, संवत् २०८२, 87 गुरुवार, २७ नवंबर २०२५७* *जय श्री राम, जय सियाराम* - ShareChat
#जय माँ विंध्यवासिनी🙏🏻🚩
जय माँ  विंध्यवासिनी🙏🏻🚩 - जय मां विंध्यवासिनी प्रातः श्रृंगार आरती दर्शन फ 27-11-2025 जय मां विंध्यवासिनी प्रातः श्रृंगार आरती दर्शन फ 27-11-2025 - ShareChat
*पौराणिक विष्णु कथा* *(सबसे बड़ा भक्त)* *नारद भगवान विष्णु के भक्त हैं। लेकिन उन्हें संदेह है कि क्या वे ही सबसे बड़े भक्त हैं।* *हालाँकि, भगवान विष्णु की भक्ति के बारे में एक दिलचस्प राय है।* *नारद भगवान विष्णु के लिए जल का एक घड़ा लेकर आए।* *भगवान विष्णु ने नारद से एक सरोवर से जल का एक घड़ा लाने को कहा। भगवान विष्णु ने कहा, "लेकिन सावधान रहना। घड़े से एक बूँद भी जल नहीं गिरना चाहिए।"* *नारद मुनि भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे। वे "नारायण, नारायण, नारायण..." नाम का जाप करते हुए संसार भर में घूमते रहते थे।* *एक बार नारद मुनि भगवान विष्णु से मिले और बोले, "नारद, आप मुझे बहुत प्रिय हैं। मैं आपकी भक्ति से प्रसन्न हूँ।"* *नारद ने पूछा, “क्या इसका मतलब यह है कि मैं आपका सबसे बड़ा भक्त हूँ?** *विष्णु मुस्कुराये और बोले, “नहीं।”* *नारद अब असमंजस में पड़ गए, “क्या कोई ऐसा है जो मुझसे भी बड़ा भक्त हो?”* *प्रभु ने उत्तर दिया, “चलो पता लगाते हैं।”* *सुबह का समय था। विष्णु नारद को एक कुटिया में ले गए, जहाँ उन्हें एक किसान सोया हुआ मिला। पौ फटते ही किसान उठा, हाथ जोड़कर प्रार्थना की और बोला, "नारायण, नारायण।"* *भगवान विष्णु ने कहा, "इस भक्त को पूरे दिन देखो और फिर मुझसे मिलने आओ।" और चले गए।* *किसान तैयार होकर अपने खेत की ओर चल पड़ा। नारद भी उसके पीछे-पीछे चल पड़े। किसान पूरी सुबह कड़ी धूप में हल चलाता रहा।* *नारद ने सोचा, “इसने एक बार भी भगवान का नाम नहीं लिया!”* *किसान ने दोपहर का भोजन करने के लिए थोड़ा विश्राम किया। खाने से पहले उसने कहा, "नारायण, नारायण।" दोपहर का भोजन समाप्त करने के बाद, किसान खेत जोतने में लगा रहा।* *अगले दिन नारद भगवान विष्णु से मिले, "तो नारद, क्या तुम्हें अब भी संदेह है कि किसान मेरा सबसे बड़ा भक्त है?"* *नारद जी को दुःख हुआ, "प्रभु, किसान दिन भर काम करता रहा। उसने केवल तीन बार आपका नाम लिया - सुबह उठते ही, दोपहर में भोजन करने से पहले और सोने से पहले। लेकिन मैं तो हर समय आपका नाम जपता रहता हूँ। आप उसे अपना सबसे बड़ा भक्त क्यों मानते हैं?"* *भगवान विष्णु मुस्कुराए, "मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर एक मिनट में दूँगा। लेकिन क्या मुझे पहले थोड़ा पानी मिल सकता है? इस पहाड़ी की चोटी पर एक सरोवर है। कृपया मुझे एक घड़े में उसका पानी लाकर दो। बस ध्यान रखना कि पानी की एक बूँद भी न गिरे।"* *नारद पहाड़ी पर चढ़े, एक सरोवर ढूँढ़ा और एक घड़े में जल भर लिया। घड़े को सिर पर रखकर, वे "नारायण, नारायण" का जाप करते हुए चलने लगे।* *फिर वह रुक गया, "रुको, मुझे सावधान रहना होगा। भगवान विष्णु ने मुझे बताया है कि पानी की एक बूँद भी नहीं गिरनी चाहिए।"* *नारद धीरे-धीरे पहाड़ी से नीचे उतरे। उनका सारा ध्यान जल-पात्र पर था। वे एक-एक कदम आगे बढ़ रहे थे, इस बात का ध्यान रखते हुए कि जल-पात्र से एक बूँद भी न गिरे।* *आखिरकार वे पहाड़ी की तलहटी में खड़े भगवान विष्णु के पास पहुँचे। सूर्य अस्त हो रहा था। नारद ने सावधानी से कलश नीचे उतारा और भगवान को अर्पित करते हुए कहा, "प्रभु, जल की एक बूँद भी नहीं गिरी।"* *"वाह! नारद! बहुत अच्छी बात है। पर यह तो बताओ कि तुमने मेरा नाम कितनी बार लिया?" भगवान विष्णु ने पूछा।* *नारद बोले, "प्रभु, मेरा ध्यान तो हर समय जल में ही लगा रहता था। मैं आपका नाम केवल दो बार ही ले पाया - जब मैं चलने लगा, और जब मैंने घड़ा नीचे रखा।"* *भगवान विष्णु मुस्कुराए। नारद को एहसास हुआ कि किसान ने दिन में तीन बार भगवान का नाम लिया था, जबकि उसने उनका नाम सिर्फ़ दो बार लिया था! वह भगवान विष्णु के चरणों में गिर पड़े और बोले, "नारायण, नारायण।"* *विष्णु ने नारद को आशीर्वाद दिया। "महत्वपूर्ण बात भावना है। मैं उस किसान के प्रेम को उसी तरह महसूस कर सकता हूँ जैसे मैं तुम्हारे प्रेम को महसूस करता हूँ।"* *नारद ने कहा, “और मैं आपके सभी भक्तों के प्रति आपके प्रेम को महसूस कर सकता हूँ।”* *इस प्रकार नारद को यह बोध हुआ कि भक्ति का अर्थ है भगवान के प्रति प्रेम। उन्हें यह भी बोध हुआ कि भगवान सभी से समान प्रेम करते हैं।* *-जय श्री हरि विष्णु* #किस्से-कहानी
#जय माँ विंध्यवासिनी🙏🏻🚩
जय माँ  विंध्यवासिनी🙏🏻🚩 - जय माँ विंध्यवासिनी धाम, मिर्जापुर *आज प्रातःकाल मां की मंगला आरती का भव्य श्रृंगार డ9fT* ८ मार्गशीर्ष, शुक्ल पक्ष, तिथि षष्ठी, संवत् २०८२, दिन - gq4R, 26 =44< 20250* *जय जय मैय्या विंध्यवासिनी की* जय माँ विंध्यवासिनी धाम, मिर्जापुर *आज प्रातःकाल मां की मंगला आरती का भव्य श्रृंगार డ9fT* ८ मार्गशीर्ष, शुक्ल पक्ष, तिथि षष्ठी, संवत् २०८२, दिन - gq4R, 26 =44< 20250* *जय जय मैय्या विंध्यवासिनी की* - ShareChat
*🌸26/11/2025,बुधवार 🌸* *श्रीरामलला प्रातःकालीन दर्शन* #श्री रामलला दर्शन अयोध्या
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