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#आज जिनकी जयंती है #आज जिनकी जयन्ती है #🙏🏻माँ तुझे सलाम #🇮🇳 देशभक्ति
आज जिनकी जयंती है - भाभी ತf अक्टूबर१ ९३० को गवर्नर हेली पर दागी थी गोली।अपने पिता बांके बिहारी 9 से मिले ४० हजार रुपये एवं अपने श्वसुर से मिले 5 हजार सभी क्रांतिकारी  सिंह गतिविधियों में खर्च कर दिए थे।रक्त का टीका लगाया था भगत 31 दत्त को।अपने पति भगवती के शहीद होने पर चंद्रशेखर कीआज्ञा बटुकेश्वर का पालन करते हुए एक भी आंसू नहीं टपका पाई थी।पढें क्रांतिकारी साहित्य।आज जयंती पर कोटि कोटि नमन आज जयंती पर नमन दुर्गा यानी देवी मूल रूप से बगाली थी॰ दुर्गावती  कोलकाता मे कुछ दिन रहकर चहा के कई़  (gTf ?Taf ) कातिकारियों से मुलाकात की॰ चहा सेचो फिर बच्चे के साथ लाहोर आ गई , लेकिन उतने बढे कातिकारियों को इतना बड़ा खतरा मोल लेकर देवी दुर्गावती विटिश पुलिस की नाक केनीच से निकाल कर किया लेणाने काणो काम उन्हीने उसका उन आजादी के केडिट नही मिलाः उसके बाद ७ अक्टूबर १९०७ बाद सिह असेम्बली बम काड के बाद भगत आदि १५ अक्टूबर १९९९ कातिकारी गिरफतार हो गए दुर्गाने उन्ह ত্ততান  के लिए चकील को पेसे देने की खातिर अपने भगतसिंह की पत्नी सारे गहने बेच दिए तीन उणार रुपए वकील को दिए. फिर गाधीणी से॰भी अपील कीकि भगत बनकर उसे व आजाद सिह ओर बाकी कातिकारियों के लिए कुछ करे को लाहोर दुर्गा भाभी की ननद  देवी भी कम नही सुशीला  थी, उन्होने अपनी शादी के लिए रखा १० तोला  ले आई। कलकत्ता सोना शी कातिकारिपों केकेस लडने के लिए उस वक्त बेच दियाथा नेही মুংীলা  ओर दुर्गा  লিব असेग्बली बम काडवे णाते भगत सिह ओर बटुकेश्वर दत्त को माथे पर तिलक लगाकर  विदा किपा था भाभी ತf अक्टूबर१ ९३० को गवर्नर हेली पर दागी थी गोली।अपने पिता बांके बिहारी 9 से मिले ४० हजार रुपये एवं अपने श्वसुर से मिले 5 हजार सभी क्रांतिकारी  सिंह गतिविधियों में खर्च कर दिए थे।रक्त का टीका लगाया था भगत 31 दत्त को।अपने पति भगवती के शहीद होने पर चंद्रशेखर कीआज्ञा बटुकेश्वर का पालन करते हुए एक भी आंसू नहीं टपका पाई थी।पढें क्रांतिकारी साहित्य।आज जयंती पर कोटि कोटि नमन आज जयंती पर नमन दुर्गा यानी देवी मूल रूप से बगाली थी॰ दुर्गावती  कोलकाता मे कुछ दिन रहकर चहा के कई़  (gTf ?Taf ) कातिकारियों से मुलाकात की॰ चहा सेचो फिर बच्चे के साथ लाहोर आ गई , लेकिन उतने बढे कातिकारियों को इतना बड़ा खतरा मोल लेकर देवी दुर्गावती विटिश पुलिस की नाक केनीच से निकाल कर किया लेणाने काणो काम उन्हीने उसका उन आजादी के केडिट नही मिलाः उसके बाद ७ अक्टूबर १९०७ बाद सिह असेम्बली बम काड के बाद भगत आदि १५ अक्टूबर १९९९ कातिकारी गिरफतार हो गए दुर्गाने उन्ह ত্ততান  के लिए चकील को पेसे देने की खातिर अपने भगतसिंह की पत्नी सारे गहने बेच दिए तीन उणार रुपए वकील को दिए. फिर गाधीणी से॰भी अपील कीकि भगत बनकर उसे व आजाद सिह ओर बाकी कातिकारियों के लिए कुछ करे को लाहोर दुर्गा भाभी की ननद  देवी भी कम नही सुशीला  थी, उन्होने अपनी शादी के लिए रखा १० तोला  ले आई। कलकत्ता सोना शी कातिकारिपों केकेस लडने के लिए उस वक्त बेच दियाथा नेही মুংীলা  ओर दुर्गा  লিব असेग्बली बम काडवे णाते भगत सिह ओर बटुकेश्वर दत्त को माथे पर तिलक लगाकर  विदा किपा था - ShareChat
#बलिदान दिवस #शहीद दिवस #आज जिनकी पुण्यतिथि है #🙏🏻गुरबानी
बलिदान दिवस - आज का इतिहास 97 917 77 शहीदी दिवस आज सवा लाख से एक लड़ाऊं  चि़ड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबे गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊं पातशाह३  दशम सिंह श्री गुरु गोबिंद ச २२ दिसंबर १६६६ ७ अक्ट्ूवर १७०८ आज का इतिहास 97 917 77 शहीदी दिवस आज सवा लाख से एक लड़ाऊं  चि़ड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबे गुरु गोविंद सिंह नाम कहाऊं पातशाह३  दशम सिंह श्री गुरु गोबिंद ச २२ दिसंबर १६६६ ७ अक्ट्ूवर १७०८ - ShareChat
#आज जिनकी पुण्यतिथि है
आज जिनकी पुण्यतिथि है - पुण्यतिथि है श्रद्धासुमन आज जिनकी केदारेश्वर सेन गुप्ता (अंग्रेज़ीः Kedareshwar Sen Gupta, जन्मः केरल के गांधी दिसंबर, १८९४ - मृत्युः ७ अक्टूबर, १९६१) एक क्रांतिकारी व्यक्ति थे। के केलप्पन जीवन परिचय   केदारेश्वर सेनगुप्ता ಕ ಠ केदारेश्वर विद्यार्थी जीवन में ही वे ' अनुशीलन समिति के नेता पुलिन  बिहारी दास के संपर्क में आए और शीघ्र ही उनकी गणना क्रांतिकारी  दल के प्रमुख व्यक्तियों में होने लगी। शचीन्द्र सान्याल उस समय उत्तर  प्रदेश में क्रांतिकारियों के नेता थे। उनकी गिरफ्तारी और रास बिहारी > बोस के जापान चले जाने के बाद केदारेश्वर को पार्टी को संगठित శ हिन्दू करने के लिए वाराणसी भेजा गया। उन्होंने वाराणसी सेंट्रल  कॉलेज में प्रवेश लिया पर शीघ्र ही पुलिस उनके पीछे लग गई इसलिए वे बंगाल वापस चले गए। वहाँ भी उन्होंने फरार रहकर ही दल का काम आरंभ किया। १९१ ७ में वे पुलिस की पकड़ में आ गए ओर  १९१9 तक हज़ारीबाग़ जेल में बंद रहे।  ক্িনু . जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने रुई का व्यापार आरंभ किया। इससे जो लाभ होता उसे क्रांतिकारी दल के कामों में लगाते रहे क्योंकि उन्होंने अपना सर्वस्व देश को ही समर्पित कर दिया था। व्यापार के सिलसिले में मुंबई गए थे कि फिर गिरफ्तार करके बंगाल  के बरहांगपुर जेल में डाल दिए गए। वहाँ जेल कर्मचारियों के  दुर्व्यवहार के विरोध में उन्होंने लंबी भूख हड़ताल की और इससे बिगड़े  100 स्वास्थ्य के कारण उन्हें क्षय रोग ने जकड़ लिया। गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए जेल से छोड़कर उन्हें घर पर ही नजरबंद कर दिया गया।  छूटे तो १९४१ से १९४६ तक फिर जेल में डाल दिए कुछ समय बाद 1990 गए। बाद में वे पूर्वी बंगाल से कोलकाता आ गए थे। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने क्रांतिकारियों के स्वप्न साकार के उद्देश्य से ' अनुशीलन भवन  7 3&<1971 की स्थापना की। पुण्यतिथि है श्रद्धासुमन आज जिनकी केदारेश्वर सेन गुप्ता (अंग्रेज़ीः Kedareshwar Sen Gupta, जन्मः केरल के गांधी दिसंबर, १८९४ - मृत्युः ७ अक्टूबर, १९६१) एक क्रांतिकारी व्यक्ति थे। के केलप्पन जीवन परिचय   केदारेश्वर सेनगुप्ता ಕ ಠ केदारेश्वर विद्यार्थी जीवन में ही वे ' अनुशीलन समिति के नेता पुलिन  बिहारी दास के संपर्क में आए और शीघ्र ही उनकी गणना क्रांतिकारी  दल के प्रमुख व्यक्तियों में होने लगी। शचीन्द्र सान्याल उस समय उत्तर  प्रदेश में क्रांतिकारियों के नेता थे। उनकी गिरफ्तारी और रास बिहारी > बोस के जापान चले जाने के बाद केदारेश्वर को पार्टी को संगठित శ हिन्दू करने के लिए वाराणसी भेजा गया। उन्होंने वाराणसी सेंट्रल  कॉलेज में प्रवेश लिया पर शीघ्र ही पुलिस उनके पीछे लग गई इसलिए वे बंगाल वापस चले गए। वहाँ भी उन्होंने फरार रहकर ही दल का काम आरंभ किया। १९१ ७ में वे पुलिस की पकड़ में आ गए ओर  १९१9 तक हज़ारीबाग़ जेल में बंद रहे।  ক্িনু . जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने रुई का व्यापार आरंभ किया। इससे जो लाभ होता उसे क्रांतिकारी दल के कामों में लगाते रहे क्योंकि उन्होंने अपना सर्वस्व देश को ही समर्पित कर दिया था। व्यापार के सिलसिले में मुंबई गए थे कि फिर गिरफ्तार करके बंगाल  के बरहांगपुर जेल में डाल दिए गए। वहाँ जेल कर्मचारियों के  दुर्व्यवहार के विरोध में उन्होंने लंबी भूख हड़ताल की और इससे बिगड़े  100 स्वास्थ्य के कारण उन्हें क्षय रोग ने जकड़ लिया। गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए जेल से छोड़कर उन्हें घर पर ही नजरबंद कर दिया गया।  छूटे तो १९४१ से १९४६ तक फिर जेल में डाल दिए कुछ समय बाद 1990 गए। बाद में वे पूर्वी बंगाल से कोलकाता आ गए थे। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने क्रांतिकारियों के स्वप्न साकार के उद्देश्य से ' अनुशीलन भवन  7 3&<1971 की स्थापना की। - ShareChat
#आज जिनकी जयन्ती है #आज जिनकी जयंती है #🕉️सनातन धर्म🚩
आज जिनकी जयन्ती है - रामायण के रचनाकार आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। सायशायणा कै रचनाकार आदिकति alcd@ महर्षि जर्यती की ह्वार्दिकु शुमायदाऐँ रामायण के रचनाकार आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। सायशायणा कै रचनाकार आदिकति alcd@ महर्षि जर्यती की ह्वार्दिकु शुमायदाऐँ - ShareChat
#आज जिनकी पुण्यतिथि है
आज जिनकी पुण्यतिथि है - जिनकी पुण्यतिथि हैश्रद्धासुम 3ன 60 Hল a जिनकी पुण्यतिथि हैश्रद्धासुम 3ன 60 Hল a - ShareChat
#आज जिनकी जयंती है #आज जिनकी जयन्ती है #🇮🇳 देशभक्ति #इतिहास स्मृति
आज जिनकी जयंती है - শীভনানা ক্ী হানী दुर्गावती गले लगाना स्वीकार किया पर सम्राट अकबर के मृत्यु को अन्याय को स्वीकार नहीं किया ।जबलपुर से कुछ दूरी पर एक गाँव है बरेना, जहाँ आज भी इस महान वीरांगना की शहादत को लोग नमन करते हैं।आज जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि ५ अक्टूबर 1 ५२४ ೪f = ؟؟ 1 4 [ శ్ల চু 1 ச = रानी का चित्र दुर्गावती  I रानी दुर्गावती (५ अक्टूबर, १ ५२४ 24 তুন; 1564)) "  भारत की एक वीरांगना थीं जिन्होने अपने विवाह के चार वर्ष  बाद अपने पति दलपत शाह की असमय मृत्यु के बाद अपने सिंहासन  पुत्र वीरनारायण को पर बैठाकर उसके संरक्षक के रूप में स्वयं शासन करना प्रारंभ किया। इनके शासन में की बहुत | उन्नति हुई। को तीर तथा बंदूक  दुर्गावती  राज्य चलाने का अच्छा अभ्यास था। चीते के शिकार में इनकी विशेष रुचि थी। उनके राज्य का नाम [गोंडवाना]] था केन्द्र जिसका जबलपुर था।वे इलाहाबाद के मुगल शासक  आसफ खान से लोहा लेने के लिये प्रसिद्ध हैं। শীভনানা ক্ী হানী दुर्गावती गले लगाना स्वीकार किया पर सम्राट अकबर के मृत्यु को अन्याय को स्वीकार नहीं किया ।जबलपुर से कुछ दूरी पर एक गाँव है बरेना, जहाँ आज भी इस महान वीरांगना की शहादत को लोग नमन करते हैं।आज जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि ५ अक्टूबर 1 ५२४ ೪f = ؟؟ 1 4 [ శ్ల চু 1 ச = रानी का चित्र दुर्गावती  I रानी दुर्गावती (५ अक्टूबर, १ ५२४ 24 তুন; 1564)) "  भारत की एक वीरांगना थीं जिन्होने अपने विवाह के चार वर्ष  बाद अपने पति दलपत शाह की असमय मृत्यु के बाद अपने सिंहासन  पुत्र वीरनारायण को पर बैठाकर उसके संरक्षक के रूप में स्वयं शासन करना प्रारंभ किया। इनके शासन में की बहुत | उन्नति हुई। को तीर तथा बंदूक  दुर्गावती  राज्य चलाने का अच्छा अभ्यास था। चीते के शिकार में इनकी विशेष रुचि थी। उनके राज्य का नाम [गोंडवाना]] था केन्द्र जिसका जबलपुर था।वे इलाहाबाद के मुगल शासक  आसफ खान से लोहा लेने के लिये प्रसिद्ध हैं। - ShareChat
#🇮🇳 देशभक्ति #इतिहास स्मृति #आज जिनकी जयन्ती है #आज जिनकी जयंती है
🇮🇳 देशभक्ति - महाराणा प्रताप के अनन्य सहयोगी पूंजा भील जिसे राणा की उपाधि से नवाजा गया एवं मेवाड़ के ध्वज में भी स्थान दिया गया, 5 अक्टूबर को जयंती पर नमन।हल्दीघाटी के युद्ध में भीलों के योगदान एवं शौर्य को कौन भुला सकता है। भारतका आदिवासा शर गहा राणा पजा भाल #ீ L০ 1 महाराणा प्रताप के अनन्य सहयोगी पूंजा भील जिसे राणा की उपाधि से नवाजा गया एवं मेवाड़ के ध्वज में भी स्थान दिया गया, 5 अक्टूबर को जयंती पर नमन।हल्दीघाटी के युद्ध में भीलों के योगदान एवं शौर्य को कौन भुला सकता है। भारतका आदिवासा शर गहा राणा पजा भाल #ீ L০ 1 - ShareChat
#आज जिनकी पुण्यतिथि है
आज जिनकी पुण्यतिथि है - आज जिनकीो पुर्ण्यतिथि है श्रद्धासुमन रामनाथ गोयनकी दिग्गज पत्रकार सष्ट्वादी  ডানয় ५ अक्ूबर १९९१ मोबाइल काति के जनक 53foer 2011 அசச்க भगवती चरण वर्मा   و a 09 Son 1974     56  G Cw      आज जिनकीो पुर्ण्यतिथि है श्रद्धासुमन रामनाथ गोयनकी दिग्गज पत्रकार सष्ट्वादी  ডানয় ५ अक्ूबर १९९१ मोबाइल काति के जनक 53foer 2011 அசச்க भगवती चरण वर्मा   و a 09 Son 1974     56  G Cw - ShareChat
#बलिदान दिवस #शहीद दिवस #🇮🇳 देशभक्ति #आज जिनकी पुण्यतिथि है #🙏🏻माँ तुझे सलाम
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#📰GK & करेंट अफेयर्स Students💡 #👉 लोगों के लिए सीख👈
📰GK & करेंट अफेयर्स Students💡 - 0< शणु" दपता 111 हरदोई में प्रेमिका को मारकर अजगरों वाले फेंका कुएं में पहले मिस्ड काल फिर जासं  हरदोई २६ महीने से लापता महिला में बातचीत का क्रम और   परिणित ঠ মাসল ক্া দুলিব ন ক্রিয়া प्रेम संबंध। मोबाइल के इस युग राजफाश = ऐसी जीवंत कहानियां बड़ी बात मुख्य आरोपित के पिता व भाई ೯ శెక్లే  बात को गिरफ्तार कर कुएं से कंकाल किया बरामद గౌ] अंत विवेचना मिली तो उन्होंने सोनम के भयावह   होता हत्यारोपित मसीदल के पिता -= सोनम की फाइल इस घटना में हिंदू फोटो भाई  समीदल को गिरफ़्तार H க 35 व राजफाश कर लिया। सोनम का मुस्लिम प्रेमी ने अजगरों वाले कुएं में पूरा परिवार था। उसके दो बच्चे भी हैं मारकर फेंक दिया। दो वर्ष बाद इसका लेकिन फरेबी मसीदल के प्रेमजाल में राज प्रेमी के पिता और उसकें भाई के हसम्वाई " गई। पुलिस मोबाइल काल पकड़े जाने पर हुआ। मंगलवार को 6 तक पहुंच गई। क्षेत्राधिकारी  वन विभाग की टीम ने पहले अजगरों #్ बताया कि सोनम का मसीदल जुख्य को बाहर निकाला, तब कहीं था। सोनम प्रेम  प्रसंग होगया पुलिस   कंकाल पहुंची| तक परिवार छोड़कर छ्ह अगस्त   २०२३ आरोपित की तलाश हो रही है। प्रकरण गार्ट। ম TIn JuroT ஈபி aferanoi O एक और बलि लव जिहाद 0< शणु" दपता 111 हरदोई में प्रेमिका को मारकर अजगरों वाले फेंका कुएं में पहले मिस्ड काल फिर जासं  हरदोई २६ महीने से लापता महिला में बातचीत का क्रम और   परिणित ঠ মাসল ক্া দুলিব ন ক্রিয়া प्रेम संबंध। मोबाइल के इस युग राजफाश = ऐसी जीवंत कहानियां बड़ी बात मुख्य आरोपित के पिता व भाई ೯ శెక్లే  बात को गिरफ्तार कर कुएं से कंकाल किया बरामद గౌ] अंत विवेचना मिली तो उन्होंने सोनम के भयावह   होता हत्यारोपित मसीदल के पिता -= सोनम की फाइल इस घटना में हिंदू फोटो भाई  समीदल को गिरफ़्तार H க 35 व राजफाश कर लिया। सोनम का मुस्लिम प्रेमी ने अजगरों वाले कुएं में पूरा परिवार था। उसके दो बच्चे भी हैं मारकर फेंक दिया। दो वर्ष बाद इसका लेकिन फरेबी मसीदल के प्रेमजाल में राज प्रेमी के पिता और उसकें भाई के हसम्वाई " गई। पुलिस मोबाइल काल पकड़े जाने पर हुआ। मंगलवार को 6 तक पहुंच गई। क्षेत्राधिकारी  वन विभाग की टीम ने पहले अजगरों #్ बताया कि सोनम का मसीदल जुख्य को बाहर निकाला, तब कहीं था। सोनम प्रेम  प्रसंग होगया पुलिस   कंकाल पहुंची| तक परिवार छोड़कर छ्ह अगस्त   २०२३ आरोपित की तलाश हो रही है। प्रकरण गार्ट। ম TIn JuroT ஈபி aferanoi O एक और बलि लव जिहाद - ShareChat