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#🌸शुभ शुक्रवार🙏 सूफी फकीर हसन जब मरा। उससे किसी ने पूछा कि तेरे गुरु कितने थे? उसने कहाः गिनाना बहुत मुश्किल होगा। क्योंकि इतने-इतने गुरु थे कि मैं तुम्हें कहां गिनाऊंगा! गांव-गांव मेेरे गुरु फैले हैं। जिससे मैंने सीखा, वही मेरा गुरु है। जहां मेरा सिर झुका, वहीं मेरा गुरु।’ फिर भी जिद्द की लोगों ने कि कुछ तो कहो, तो उसने कहा, ‘तुम मानते नहीं, इसलिए सुनो। पहला गुरु था मेरा–एक चोर।’ वे तो लोग बहुत चौंके, उन्होंने कहाः चोर? कहते क्या हो! होश में हो। मरते वक्त कहीं एैसा तो नहीं कि दिमाग गड़बड़ा गया है! चोर और गुरु?’ उसने कहाः हां, चोर और गुरु। मैं एक गांव में आधी रात पहुंचा। रास्ता भटक गया था। सब लोग सो गए थे, एक चोर ही जग रहा था। वह अपनी तैयारी कर रहा था जाने की। वह घर से निकल ही रहा था। मैंने उससे कहाः ‘भाई, अब मैं कहां जाऊं? रात आधी हो गई। दरवाजे सब बंद हैं। धर्मशालाएं भी बंद हो गईं। किसको जगाऊ नींद से? तू मुझे रात ठहरने देगा?’ उसने कहाः ‘स्वागत आपका।’ ‘लेकिन’, उसने कहाः ‘एक बात मैं जाहिर कर दूं मैं चोर हूं। मैं आदमी अच्छे घर का नहीं हूं। तुम अजनबी मालूम पड़ते हो। इस गांव में कोई आदमी मेरे घर में नहीं आना चाहेगा। मैं दूसरों के घर में जाता हूं, तो लोग नहीं घुसने देते। मेेरे घर तो कौन आएगा? मुझे भी रात अंधेरे में जब लोग सो जात हैं, तब उनके घरों में जाना पड़ता हैं। और मेरे घर के पास से लोग बच कर निकलते हैं। मैं जाहिर चोर हूं। इस गांव का जो नवाब है, वह भी मुझसे डरता और कंपता है। पुलिसवाले थक आते हैं। तुम अपने हाथ आ रहे हो! मैं तुम्हें वचन नहीं देता। रात-बेरात लूट लूं! तो तुम जानो। ’ हसन ने कहा कि मैंने इतना सच्चा और ईमानदार आदमी कभी देखा ही नहीं था, जो खुद कहे कि मैं चोर हूं! और सावधान कर दे। यह तो साधु का लक्षण है। तो रुक गया। हसन ने कहा कि मैं रुकूंगा। तू मुझे लूट ही लेे, तो मुझे खुशी होगी। सुबह-सुबह चोर वापस लौटा। हसन ने दरवाजा खोला। पूछाः ‘कुछ मिला?’ उसने कहाः ‘आज तो नहीं मिला, लेकिन फिर रात कोशिश करूंगा।’ ऐसा, हसन ने कहा, एक महीने तक मैं उसके घर रुका, और एक महीने तक उसे कभी कुछ न मिला। वह रोज शाम जाता, उसी उत्साह उसी उमंग से–औैर रोज सुबह जब मैं पूछता–कुछ मिला भाई? तो वह कहता, अभी तो नहीं मिला। लेकिन क्या है, मिलेगा। आज नहीं तो कल नहीं तो परसों। कोशिश जारी रहनी चाहिए। तो हसन ने कहा कि जब मैं परमात्मा की तलाश में गांव-गांव, जंगल-जंगल भटकता था और रोज हार जाता था, और रोज-रोज सोचता था कि है भी ईश्वर या नहीं, तब मुझे उस चोर की याद आती थी,कि वह चोर साधारण संपत्ति चुराने चला था; मैं परमात्मा को चुराने चला हूं। मैं परम संपत्ति का अधिकारी बनने चला हूं। उस चोर के मन में कभी निराशा न आई; मेरे भी निराशा का कोई कारण नहीं है। ऐसे मैं लगा ही रहा। इस चोर ने मुझे बचाया; नहीं तो मैं कई दफा भाग गया होता, छोड़ कर यह सब खोज। तो जिस दिन मुझे परमात्मा मिला, मैंने पहला धन्यवाद अपने उस चोर-गुरु को दिया। तब तो लोग उत्सुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘कुछ और कहो; इसके पहले कि तुम विदा हो जाओ। यह तो बड़ी आश्चर्य की बात तुमने कही; बड़ी सार्थक भी। उसने कहाः और एक दूसरे गांव में ऐसा हुआ; मैं गांव में प्रवेश किया। एक छोटा सा बच्चा, हाथ में दीया लिए जा रहा था किसी मजार पर चढ़ाने को। मैंने उससे पूछा कि ‘बेटे, दीया तूने ही जलाया? उसने कहा, ‘हां, मैंने ही जलाया।’ तो मैंने उससे कहा कि ‘मुझे यह बता, यह रोशनी कहां से आती है? तूने ही जलाया। तूने यह रोशनी आते देखी? यह कहां से आती हैं?’ मैं सिर्फ मजाक कर रहा था–हसन ने कहा। छोटा बच्चा, प्यारा बच्चा था; मैं उसे थोड़ी पहेली में डालना चाहता था। लेकिन उसने बड़ी झंझट कर दी। उसने फूंक मार कर दीया बुझा दिया, और कहा कि सुनो, तुमने देखा; ज्योति चली गई; कहां चली गई? मुझे झुक कर उसके पैर छूने पड़े। मैं सोचता था, वह बच्चा है, वह मेरा अहंकार था। मैं सोचता था, मैं उसे उलझा दंूगा, वह मेरा अहंकार था। उसने मुझे उलझा दिया। उसने मेरे सामने एक प्रश्न-चिह्न खड़ा कर दिया। ऐसे हसन ने अपने गुरुओं की कहानियां कहीं। तीसरा गुरु हसन ने कहा, एक कुत्ता था। मैं बैठा था एक नदी के किनारे–हसन ने कहा–और एक कुत्ता आया, प्यास से तड़फड़ाता। धूप घनी है, मरुस्थल है। नदी के किनारे तो आया, लेकिन जैसे उसने झांक कर देखा, उसे दूसरा कुत्ता दिखाई पड़ा पानी में, तो वह डर गया। तो वह पीछे हट गया। प्यास खींचे पानी की तरफ; भय खींचे पानी के विपरीत। जब भी जाए, नदी के पास, तो अपनी झलक दिखाई पड़े; घबड़ा जाए। पीछे लौट आए। मगर रुक भी न सके पीछे, क्योंकि प्यास तड़फा रही है। पसीना-पसीना हो रहा है। उसका कंठ दिखाई पड़ रहा है कि सूखा जा रहा है। और मैं बैठा देखता रहा। देखता रहा। फिर उसने हिम्मत की और एक छलांग लगा दी–आंख बंद करके कूद ही गया पानी में। फिर दिल खोल कर पानी पीया, और दिल खोल कर नहाया। कूदते ही वह जो पानी में तस्वीर बनती थी, मिट गई। हसन ने कहा, ऐसी ही हालत मेरी रही। परमात्मा में झांक-झांक कर देखता था, डर-डर जाता था। अपना ही अहंकार वहां दिखाई पड़ता था, वही मुझे डरा देता था। लौट-लौट आता। लेकिन प्यास भी गहरी थी। उस कुत्ते की याद करता; उस कुत्ते की याद करता; सोचता। एक दिन छलांग मार दी; कूद ही गया; सब मिट गया। मैं भी मिट गया; अहंकार की छाया बनती थी, वह भी मिट गई; खूब दिल भर के पीया। कहै कबीर मैं पूरा पाया #🙏जय माता दी📿 #🌞 Good Morning🌞 #🙏 श्री राम #🙏राम राम जी
🌸शुभ शुक्रवार🙏 - 9 Grok 9 Grok - ShareChat
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🆕 ताजा अपडेट - 66 कभी किसी पे आंख बंद करके भरोसा न करे. क्योंकि ये दुनिया इतनी भी अच्छी नहीं की॰. आपके भरोसे को कायम रख सके !! maakallijyotish astrologer philosopher Ratan expert and vastu expert 7597718725 66 कभी किसी पे आंख बंद करके भरोसा न करे. क्योंकि ये दुनिया इतनी भी अच्छी नहीं की॰. आपके भरोसे को कायम रख सके !! maakallijyotish astrologer philosopher Ratan expert and vastu expert 7597718725 - ShareChat
#🆕 ताजा अपडेट #✡️सितारों की चाल🌠 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #🙏जय माता दी📿 #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय
🆕 ताजा अपडेट - 6 বিন ক্া নীদীনান १८ अवदबरः धनतेरस चतुर्दशी १९ अक्टवर * रप २० अक्टवर : दीपावली २१ अक्ट्रबर : स्नान पजा और {ಕಿ 9ান 3[444| २२ अक्टूवर : गोवर्धन पूजा బః २३ अक्टवरः गाई दज F 6 বিন ক্া নীদীনান १८ अवदबरः धनतेरस चतुर्दशी १९ अक्टवर * रप २० अक्टवर : दीपावली २१ अक्ट्रबर : स्नान पजा और {ಕಿ 9ান 3[444| २२ अक्टूवर : गोवर्धन पूजा బః २३ अक्टवरः गाई दज F - ShareChat
#🌷शुभ बुधवार #🌟देखिए खास ज्योतिष उपाय #🙏जय माता दी📿 #✡️सितारों की चाल🌠 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी
🌷शुभ बुधवार - এটা बुधवार ٥٣٢ IUII जयःश्री यणेश SIMTEUUIRUIUUULHH এটা बुधवार ٥٣٢ IUII जयःश्री यणेश SIMTEUUIRUIUUULHH - ShareChat
#🙏शुभ मंगलवार🌸 #🌞 Good Morning🌞 #🙏जय माता दी📿 #✡️सितारों की चाल🌠 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी
🙏शुभ मंगलवार🌸 - Acharya Rajesh Kumar "भूत पिशाच निकट नहिं आवै, তোয श्री মক্কানীয সন্ব নাম सुनावै। नासै रोग हरे सब पीरा , जपत निरंतर हनुमत बीरा।I  1 जय श्री 84 हनुप्नान 39 07 39 1 ( 4 @ 4 maakallijyotish astrologer. philosopher. Ratan  expert and vastu expert 7597718725 Acharya Rajesh Kumar "भूत पिशाच निकट नहिं आवै, তোয श्री মক্কানীয সন্ব নাম सुनावै। नासै रोग हरे सब पीरा , जपत निरंतर हनुमत बीरा।I  1 जय श्री 84 हनुप्नान 39 07 39 1 ( 4 @ 4 maakallijyotish astrologer. philosopher. Ratan  expert and vastu expert 7597718725 - ShareChat
#🌸अहोई अष्टमी🪔 #💫राशि के अनुसार भविष्यवाणी #✡️सितारों की चाल🌠 #🙏जय माता दी📿 #🌞 Good Morning🌞
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