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भारतीय ज्योतिष सबसे महान , हिन्दुत्व मेरी पहचान ❤️
#🌸अहोई अष्टमी🪔 ##अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं #अहोई अष्टमी #अहोई अष्टमी #अहोई अष्टमी
🌸अहोई अष्टमी🪔 - अहोई अष्टमी की कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक साहूकार रहता था, कथा जिसके सात बेटे और सात बहुएं थी। इस साहूकार की एक ర్రగా बेटी भी थी, जो दीपावली में ससुराल से मायके आई थी। एक बार दीपावली पर घर को लीपने के लिए सातों बहुएं मिट्टी लाने जंगल में गई, तो उनकी ननद भी उनके साथ गयी। साहूकार की बेटी जहां मिट्टी काट रही थी, उस स्थान पर स्याहु (साही) अपने सात बेटों से साथ रहती थी। मिट्टी काटते रंग अहोई अष्टमी ५ से साहूकार की बेटी की खुरपी के चोट से स्याहू हुए ग़लती इस पर स्याहू क्रोधित होकर बोली काएक बच्चा मरगया। मैं तुम्हारी कोख बांधूंगी।  [ स्याहू के वचन सुनकर साहूकार की बेटी अपनी सातों  క్డి = [ भाभियों से चिनती करती है कि कोई उसके बदले अपनी कोख बंधवा लें। सबसे छोटी भाभी, ननद के बदले अपनी छ कोखी कंधवाभी के ्लिहोतैयवोरहोतजादितनी बैादसरेबतेद२छोस्ीत  ٣ पुत्रों की इस प्रकार मृत्यु होने के बाद उसने पंडित को 1 ( बुलवाकर इसका कारण पूछा। पंडित ने सुरही गाय की सेवा " డ్డి की सलाह दी। करने 5, छोटी बहु की सेवा से प्रसन्न होती है और उसे  सुरही गाय 8 स्याहु के पास लेे जाती है। रास्ते में थक जाने पर दोनों आराम  క్డ్ करने लगते हैं। अचानक साहुकार की छोटी बहू की नज़र  ष्यह दैखछक खंु व्हरग़फको  ককন্রসী সাতীনর সীংন্ী #1 নী 1 ೯ मार देती है। इतने में गरूड़ पंखनी वहां आ जाती है और 1 बिखरा  हुआ खून देखकर उसे लगता है कि छोटी बहु ने ؟ ಕ उसके बच्चे के मार दिया। इसलिए वो छोटी बहू को चोंच  मारना शुरू कर देती है। छोटी बहू इस पर कहती है कि उसने ; पंखनी ये सुनकर " 70 तो उसके बच्चे की जान बचाई है। गरूड़ खुश होती है और सुरही सहित उन्हें स्याहु के पास पहुंचा देती अहोई अष्टमी की कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक साहूकार रहता था, कथा जिसके सात बेटे और सात बहुएं थी। इस साहूकार की एक ర్రగా बेटी भी थी, जो दीपावली में ससुराल से मायके आई थी। एक बार दीपावली पर घर को लीपने के लिए सातों बहुएं मिट्टी लाने जंगल में गई, तो उनकी ननद भी उनके साथ गयी। साहूकार की बेटी जहां मिट्टी काट रही थी, उस स्थान पर स्याहु (साही) अपने सात बेटों से साथ रहती थी। मिट्टी काटते रंग अहोई अष्टमी ५ से साहूकार की बेटी की खुरपी के चोट से स्याहू हुए ग़लती इस पर स्याहू क्रोधित होकर बोली काएक बच्चा मरगया। मैं तुम्हारी कोख बांधूंगी।  [ स्याहू के वचन सुनकर साहूकार की बेटी अपनी सातों  క్డి = [ भाभियों से चिनती करती है कि कोई उसके बदले अपनी कोख बंधवा लें। सबसे छोटी भाभी, ननद के बदले अपनी छ कोखी कंधवाभी के ्लिहोतैयवोरहोतजादितनी बैादसरेबतेद२छोस्ीत  ٣ पुत्रों की इस प्रकार मृत्यु होने के बाद उसने पंडित को 1 ( बुलवाकर इसका कारण पूछा। पंडित ने सुरही गाय की सेवा " డ్డి की सलाह दी। करने 5, छोटी बहु की सेवा से प्रसन्न होती है और उसे  सुरही गाय 8 स्याहु के पास लेे जाती है। रास्ते में थक जाने पर दोनों आराम  క్డ్ करने लगते हैं। अचानक साहुकार की छोटी बहू की नज़र  ष्यह दैखछक खंु व्हरग़फको  ককন্রসী সাতীনর সীংন্ী #1 নী 1 ೯ मार देती है। इतने में गरूड़ पंखनी वहां आ जाती है और 1 बिखरा  हुआ खून देखकर उसे लगता है कि छोटी बहु ने ؟ ಕ उसके बच्चे के मार दिया। इसलिए वो छोटी बहू को चोंच  मारना शुरू कर देती है। छोटी बहू इस पर कहती है कि उसने ; पंखनी ये सुनकर " 70 तो उसके बच्चे की जान बचाई है। गरूड़ खुश होती है और सुरही सहित उन्हें स्याहु के पास पहुंचा देती - ShareChat
#🌸अहोई अष्टमी🪔 ##अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं #अहोई अष्टमी #अहोई अष्टमी #अहोई अष्टमी
🌸अहोई अष्टमी🪔 - अहोई अष्टमी अहोई की हकिक शुपकामनाए ज्योतिष अष्टमी शास्त्र की पूजा कब करें अहोई अष्टमी की पूजा सांयकाल के तारे देखकर व्रत खोला जा सकता है या रात्रि में चांद को देखकर खोला जा सकता है परन्तु यह व्रत संतान की तरक्की और समृद्धि हेतु किया जाता है और संतान आंख के तारे होते हैं तो सांयकाल तारों को ही अर्ध्य देकर ब्रत को खोलना उत्तम होता है। दो लोटे में जल भरकर उसमें कच्चा दूध और मिश्री या चीनी डालकर तारों को अर्ध्य दें और संतान की हर प्रकार की समृद्धि की प्रार्थना करें । Lekhini tricunavat ivotishacharva अहोई अष्टमी अहोई की हकिक शुपकामनाए ज्योतिष अष्टमी शास्त्र की पूजा कब करें अहोई अष्टमी की पूजा सांयकाल के तारे देखकर व्रत खोला जा सकता है या रात्रि में चांद को देखकर खोला जा सकता है परन्तु यह व्रत संतान की तरक्की और समृद्धि हेतु किया जाता है और संतान आंख के तारे होते हैं तो सांयकाल तारों को ही अर्ध्य देकर ब्रत को खोलना उत्तम होता है। दो लोटे में जल भरकर उसमें कच्चा दूध और मिश्री या चीनी डालकर तारों को अर्ध्य दें और संतान की हर प्रकार की समृद्धि की प्रार्थना करें । Lekhini tricunavat ivotishacharva - ShareChat
#🌸अहोई अष्टमी🪔 ##अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं #अहोई अष्टमी #अहोई अष्टमी #अहोई अष्टमी
🌸अहोई अष्टमी🪔 - ಅ99 ज्योतिष अहोई अष्टमी 21 अहोई अष्टमी का व्रत और पूजा माता अहोई या देवी अहोई को समर्पित है। माताएँ अपनी उनकी g संतान की भलाई और दीर्घायु के पूजा करती हैं। इस दिन को अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि अहोई अष्टमी का व्रत अष्टमी तिथि के दौरान किया எ8 अहोई माता अन्य कोई देवी नहीं हैं का ही एक रूप है। बल्कि माता লঃসী Lekhini trigunayat jyotishacharya ಅ99 ज्योतिष अहोई अष्टमी 21 अहोई अष्टमी का व्रत और पूजा माता अहोई या देवी अहोई को समर्पित है। माताएँ अपनी उनकी g संतान की भलाई और दीर्घायु के पूजा करती हैं। इस दिन को अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि अहोई अष्टमी का व्रत अष्टमी तिथि के दौरान किया எ8 अहोई माता अन्य कोई देवी नहीं हैं का ही एक रूप है। बल्कि माता লঃসী Lekhini trigunayat jyotishacharya - ShareChat
#🌸अहोई अष्टमी🪔 ##अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं #अहोई अष्टमी #अहोई अष्टमी #अहोई अष्टमी
🌸अहोई अष्टमी🪔 - अहोई अष्टमी की हकिक शृगकामनाएँ == 54 अहोई अष्टमी की हकिक शृगकामनाएँ == 54 - ShareChat
#🌷शुभ रविवार #जय श्री कृष्णा#जय श्री कृष्णा#जय श्री कृष्णा#जय श्री कृष्णा
🌷शुभ रविवार - जयश्री कृष्णा जयश्री कृष्णा - ShareChat
#शुभ रात्रि मित्रों 🙏🙏🙏🙏 #शुभ रात्रि मित्रों #शुभ रात्रि मित्रों ♥️💐 #शुभ रात्रि मित्रों #👉शुभ रात्रि मित्रों 😴
शुभ रात्रि मित्रों 🙏🙏🙏🙏 - शुभ रात्रि मित्रों शुभ रात्रि मित्रों - ShareChat
#🪔शुभ शनिवार🙏 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #जय श्री कृष्णा 🙏❤️ #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏कर्म क्या है❓
🪔शुभ शनिवार🙏 - 92 सुप्रभात कष 92 सुप्रभात कष - ShareChat
#🌖करवा चौथ की शुभकामनाएं🫂 #🌑करवा चौथ Status⏳ #😍करवा चौथ लुक💄 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #✡️ज्योतिष समाधान 🌟
🌖करवा चौथ की शुभकामनाएं🫂 - चौर्य Par करवा करचा का अर्थ हे॰ मिट्टी का चह बर्तन जिसे अग्रपूज्य गणेश " जी का स्वरूप माना गया हे। भगवान गणेश जल तत्व के कारक है और करवा में लगी हुई टोटी गणेश जी की सूंड का = प्रतीक मानी गई ह। इस दिन मिट्टी के करवा में जल भरकर  पूजा में रखना भगलकारी भाना गया हे। दीपक और छलनी के मायने शास्तों के अनुसार अग्नि  पर सूर्य क पृथ्वी बदला हुआ रूप ह। मान्यता ह कि अगिदेव  को साक्षी मानकर उसकी मीजूदगी मेकी गरई प्ूजा अवश्य सफल होती ह।  प्रकाश ज्ञान का प्रतीकभी६॰ ६१्वर ' प्रकाश ओर ज्ञान - रप  मे ही हर जगह च्याप्तहे। ज्ञान प्राप्त होन से अज्ञान रपी मनोविकार दूर होते ह॰ जीचन के कष्ट भिटते हे। दीपक जलाने  हे॰एच पूजा मे ध्यान केद्रित होता ह  মলকাযনাকনা दूरहोती जिससे एकाग्रता बढ़ती हे। चौर्य Par करवा करचा का अर्थ हे॰ मिट्टी का चह बर्तन जिसे अग्रपूज्य गणेश " जी का स्वरूप माना गया हे। भगवान गणेश जल तत्व के कारक है और करवा में लगी हुई टोटी गणेश जी की सूंड का = प्रतीक मानी गई ह। इस दिन मिट्टी के करवा में जल भरकर  पूजा में रखना भगलकारी भाना गया हे। दीपक और छलनी के मायने शास्तों के अनुसार अग्नि  पर सूर्य क पृथ्वी बदला हुआ रूप ह। मान्यता ह कि अगिदेव  को साक्षी मानकर उसकी मीजूदगी मेकी गरई प्ूजा अवश्य सफल होती ह।  प्रकाश ज्ञान का प्रतीकभी६॰ ६१्वर ' प्रकाश ओर ज्ञान - रप  मे ही हर जगह च्याप्तहे। ज्ञान प्राप्त होन से अज्ञान रपी मनोविकार दूर होते ह॰ जीचन के कष्ट भिटते हे। दीपक जलाने  हे॰एच पूजा मे ध्यान केद्रित होता ह  মলকাযনাকনা दूरहोती जिससे एकाग्रता बढ़ती हे। - ShareChat
#🙏दशहरा की शुभकामनाएं🫂 #🎇दशहरा की शुभकामनाएं 🙏 #दशहरा की शुभकामनाएं #🌞 Good Morning🌞 #🤗शुभकामनाएं वीडियो📱
🙏दशहरा की शुभकामनाएं🫂 - दशहरा की शुभकामनाएं! असत्य पर सत्य की विजय की शुभकामनाएं दशहरा की शुभकामनाएं! असत्य पर सत्य की विजय की शुभकामनाएं - ShareChat
#🪴घटस्थापना😊 #😊 नवरात्रि विशेष उपाय ⭐ #🙏नवरात्रि Coming Soon🙏 #🙏 माँ वैष्णो देवी #नवरात्रि में घट स्थापना
🪴घटस्थापना😊 - ज्योतिष ননযান্সি ম कलश स्थापना 3qI कलश में क्या डाला जाता है नवरात्रि के कलश में गंगाजल या सा़फ जल, सिक्के, चावल, दूर्वा घास, 2 लौंग , सुपारी, इलायची , हल्दी की एक गांठ रखे जाते हैं। इसके अलावा, कलश पर आम के पत्ते रखकर नारियल रखा जाता है, जिसे लाल कपडे या चनरी में लपेटा जाता है और मौली   बांधी जाती है। कलश को जौ के बर्तन या मिट्टी के ऊपर स्थापित किया जाता है, जिसमें विकास और समृद्धि के प्रतीक के रूप में जौ के बीज बोए जाते हैं । Lekhini trigunayat jyotishacharya ज्योतिष ননযান্সি ম कलश स्थापना 3qI कलश में क्या डाला जाता है नवरात्रि के कलश में गंगाजल या सा़फ जल, सिक्के, चावल, दूर्वा घास, 2 लौंग , सुपारी, इलायची , हल्दी की एक गांठ रखे जाते हैं। इसके अलावा, कलश पर आम के पत्ते रखकर नारियल रखा जाता है, जिसे लाल कपडे या चनरी में लपेटा जाता है और मौली   बांधी जाती है। कलश को जौ के बर्तन या मिट्टी के ऊपर स्थापित किया जाता है, जिसमें विकास और समृद्धि के प्रतीक के रूप में जौ के बीज बोए जाते हैं । Lekhini trigunayat jyotishacharya - ShareChat