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#🪔शरद पूर्णिमा🌕 #purnima
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00:09
#🙏दशहरा की शुभकामनाएं🫂 #🙏नवरात्रि Status🙏
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00:22
#🙏शुभ नवरात्रि💐 #नवरात्रि #🙏नवरात्रि Status🙏
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00:23
#🙏नवरात्रि Status🙏 #नवरात्रि #🙏शुभ नवरात्रि💐
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00:15
#🪔अनंत चतुर्दशी🌸 #📝गणपति भक्ति स्टेटस🌺 #गणपति #गणेश
🪔अनंत चतुर्दशी🌸 - अनंत चतुर्दशी की हार्दिक शिुभकामनाएं ? Blessings don t leave When the idol does ' "Ganpati Bappa Morva! See vou next vear, stronger than ever: अनंत चतुर्दशी की हार्दिक शिुभकामनाएं ? Blessings don t leave When the idol does ' "Ganpati Bappa Morva! See vou next vear, stronger than ever: - ShareChat
#🪔पार्श्व एकादशी 🙏 #📝गणपति भक्ति स्टेटस🌺
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00:11
#🪔ऋषि पंचमी🙏 #📝गणपति भक्ति स्टेटस🌺
🪔ऋषि पंचमी🙏 - ऋषि पंचमी कथा ೧೨೦ ೦ 9 विदर्भ देश में एक सदाचारी ब्राह्मण रहता था. उसकी पत्नी बड़ी पतिव्रता थी, सुशीला था. उस ब्राह्मण के एक पुत्र और एक पुत्री दो जिसका नाम संतान थी॰ विवाह योग्य होने पर उसने समान कुलशील वर के साथ कन्या का विवाह कर दिया. दैवयोग से कुछ दिनों बाद वह विधवा हो गई॰ दुखी ब्राह्मण दम्पति कन्या सहित गंगा तट पर कुटिया बनाकर रहने लगे॰ एक दिन ब्राह्मण कन्या सो रही थी कि उसका शरीर कीड़ों से भर गया॰ कन्या ने सारी बात मां से कही . मां ने पति से सब कहते हुए पूछा - प्राणनाथ! मेरी साध्वी कन्या की यह गति होने का क्या कारण है? ब्राह्मण ने समाधि द्वारा इस घटना का पता लगाकर बताया - पूर्व जन्म में भी यह कन्या ब्राह्मणी थी॰ इसने रजस्वला होते ही बर्तन छू दिए थे. इस जन्म में भी इसने लोगों की देखा -देखी ऋषि पंचमी शरीर में कीड़े पडे़ हैं॰ का व्रत नहीं किया. इसलिए $ धर्म - शास्त्रों की मान्यता है कि रजस्वला स्त्री पहले दिन चाण्डालिनी , दूसरे दिन ब्रह्मघातिनी तथा तीसरे दिन धोबिन के समान अपवित्र होती है॰ वह चौथे दिन स्नान करके शुद्ध होती है॰ यदि यह शुद्ध मन से अब भी दुख दूर हो जाएंगे और अगले जन्म में ऋषि पंचमी का व्रत करें तो इसके सारे अटल सौभाग्य प्राप्त करेगी. पिता की आज्ञा से पुत्री ने विधिपूर्वक ऋषि पंचमी का व्रत एवं पूजन किया. व्रत के प्रभाव से वह सारे दुखों से मुक्त हो गई॰ अगले जन्म में उसे अटल सौभाग्य सहित अक्षय सुखों का भोग मिला NEVS1B' ]  ऋषि पंचमी कथा ೧೨೦ ೦ 9 विदर्भ देश में एक सदाचारी ब्राह्मण रहता था. उसकी पत्नी बड़ी पतिव्रता थी, सुशीला था. उस ब्राह्मण के एक पुत्र और एक पुत्री दो जिसका नाम संतान थी॰ विवाह योग्य होने पर उसने समान कुलशील वर के साथ कन्या का विवाह कर दिया. दैवयोग से कुछ दिनों बाद वह विधवा हो गई॰ दुखी ब्राह्मण दम्पति कन्या सहित गंगा तट पर कुटिया बनाकर रहने लगे॰ एक दिन ब्राह्मण कन्या सो रही थी कि उसका शरीर कीड़ों से भर गया॰ कन्या ने सारी बात मां से कही . मां ने पति से सब कहते हुए पूछा - प्राणनाथ! मेरी साध्वी कन्या की यह गति होने का क्या कारण है? ब्राह्मण ने समाधि द्वारा इस घटना का पता लगाकर बताया - पूर्व जन्म में भी यह कन्या ब्राह्मणी थी॰ इसने रजस्वला होते ही बर्तन छू दिए थे. इस जन्म में भी इसने लोगों की देखा -देखी ऋषि पंचमी शरीर में कीड़े पडे़ हैं॰ का व्रत नहीं किया. इसलिए $ धर्म - शास्त्रों की मान्यता है कि रजस्वला स्त्री पहले दिन चाण्डालिनी , दूसरे दिन ब्रह्मघातिनी तथा तीसरे दिन धोबिन के समान अपवित्र होती है॰ वह चौथे दिन स्नान करके शुद्ध होती है॰ यदि यह शुद्ध मन से अब भी दुख दूर हो जाएंगे और अगले जन्म में ऋषि पंचमी का व्रत करें तो इसके सारे अटल सौभाग्य प्राप्त करेगी. पिता की आज्ञा से पुत्री ने विधिपूर्वक ऋषि पंचमी का व्रत एवं पूजन किया. व्रत के प्रभाव से वह सारे दुखों से मुक्त हो गई॰ अगले जन्म में उसे अटल सौभाग्य सहित अक्षय सुखों का भोग मिला NEVS1B' ] - ShareChat
#🌸गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं🤝 #गणपति #गणेश #🌺लालबाग के राजा🚩🛕 #📝गणपति भक्ति स्टेटस🌺
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#📝गणपति भक्ति स्टेटस🌺 #🌺लालबाग के राजा🚩🛕 #गणपति #गणेश
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