Maani
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#santrampaljimaharaj - ऐसा कोई भा नहीं जो अंत तक साथ दे अगर है तो वह सिर्फ आप हो मालिक ऐसा कोई भा नहीं जो अंत तक साथ दे अगर है तो वह सिर्फ आप हो मालिक - ShareChat
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SantRampalJiMaharaj🙏🙏 - केशव गरीब केशव बंजारा भया, बालद भरी विचार | मन इच्छा पूर्ण करी, खुद कबीर अवतार sAun जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के पावन साग्निध्य में 7512d" {নৈনৎং নেখে খu ٤ के उपलक्ष्य में दिनांक ४ , 5 व 6 नवंबर २०२५ को विशाल भण्डारा संत गरीबदास जी महाराज की अमर वाणी का अखंड पाठ निःशुल्क  नाम सत्संग दीक्षा विशाल दहेज रहित विवाह आध्यात्मिक प्रदर्शनी SllTqu का आयोजन किया जा रहा है। इस धार्मिक आयोजन में आप सभी सपरिवार सादर आमंत्रित हैं। Spiritual Leader Saint Rampal JI HD Sant Rampal Ji Maharaj LIVE केशव गरीब केशव बंजारा भया, बालद भरी विचार | मन इच्छा पूर्ण करी, खुद कबीर अवतार sAun जगतगुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के पावन साग्निध्य में 7512d" {নৈনৎং নেখে খu ٤ के उपलक्ष्य में दिनांक ४ , 5 व 6 नवंबर २०२५ को विशाल भण्डारा संत गरीबदास जी महाराज की अमर वाणी का अखंड पाठ निःशुल्क  नाम सत्संग दीक्षा विशाल दहेज रहित विवाह आध्यात्मिक प्रदर्शनी SllTqu का आयोजन किया जा रहा है। इस धार्मिक आयोजन में आप सभी सपरिवार सादर आमंत्रित हैं। Spiritual Leader Saint Rampal JI HD Sant Rampal Ji Maharaj LIVE - ShareChat
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santrampal mahraj ji - मानूष दुर्लभ जन्म बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महयाराज जिनके पास कबीर साहेब द्वारा बताया हुआ सतभक्ति मार्ग नहीं है, ये सब काल प्रेरित हैं। अतः बुद्धिमान को चाहिए कि सोच -विचार कर भक्ति मार्ग अपनाए क्योंकि मनुष्य जन्म अनमोल है, यह बार-बार नहीं मिलता। कबीर साहेब कहते हैं किः. कबीर मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार। तरूवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगता डारि।। f SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ मानूष दुर्लभ जन्म बंदीछोड़ सतगुरू रामपाल जी महयाराज जिनके पास कबीर साहेब द्वारा बताया हुआ सतभक्ति मार्ग नहीं है, ये सब काल प्रेरित हैं। अतः बुद्धिमान को चाहिए कि सोच -विचार कर भक्ति मार्ग अपनाए क्योंकि मनुष्य जन्म अनमोल है, यह बार-बार नहीं मिलता। कबीर साहेब कहते हैं किः. कबीर मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार। तरूवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगता डारि।। f SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat
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#geeta ##SantRampalJiMaharaj #TrueSpirituality #VedicKnowledge #RealGod #TrueDevotion #SpiritualAwakening
#SantRampalJiMaharaj #TrueSpirituality #VedicKnowledge #RealGod #TrueDevotion #SpiritualAwakening - गीता जी का ज्ञान किसने बोला? गीता अध्याय 7 श्लोक २४ २५ में गीता ज्ञान दाता प्रभु ने कहा है कि बुद्धिहीन जन समुदाय मेरे उस घटिया (अनुत्तम) अटल विधान को नहीं जानते कि मैं कभी भी मनुष्य की तरह किसी के सामने प्रकट नहीं होता। मैं अपनी योगमाया से छिपा रहता हूँ। अध्याय 7 का श्लोक २४ अध्याय 7 का श्लोक २५ अव्यक्तम् व्यक्तिम् आपन्नम् मन्यन्ते माम् अबुद्धयः।  न अहम प्रकाशः सर्वस्य योगमायासमावृतः मूढः, अयम न अभिजानाति लोकः माम अजम् परम भावम अजानन्तः मम अव्ययम अनुत्तमन्।।२४ | 3aTuTTII2511  (अबुद्धयः ) बुद्धिहीन लोग (मम ) मेरे (अनुत्तमम्) अनुवादः अनुवादः ( अहम् ) मैं (योगमाया समावृतः ) योगमायासे अश्रेष्ठ ( अव्ययम् ) अटल (परम्) परम ( भावम्) भावको छिपा हुआ ( सर्वस्य) सबके ( प्रकाशः ) प्रत्यक्ष (न) नहीं होता (अजानन्तः ) न जानते हुए ( अव्यक्तम् ) छिपे हुए अर्थात् अर्थात् अदृश्य रहता हूँ इसलिये(माम् ) मुझ ( अजम् ) जन्म न परोक्ष (माम् ) मुझ कालको (व्यक्तिम् ) मनुष्य की तरह लेने वाले ( अव्ययम्) अविनाशी अटल भावको (अयम्) यह आकार में कृष्ण अवतार (आपन्नम् ) प्राप्त हुआ ( मन्यन्ते) (मूढः ) अज्ञानी (लोकः ) जनसमुदाय संसार (न) नहीं मानते हैं अर्थात् मैं कृष्ण नहीं हूँ। (२४) (अभिजानाति) जानता अर्थात् अवतार रूप में मुझको केवल हिन्दी अनुवादः बुद्धिहीन लोग मेरे अश्रेष्ठ अटल  आया समझता है। क्योंकि ब्रह्म अपनी शब्द शक्ति से अपने हुए अर्थात् परोक्ष मुझ परम भावको न जानते हुए छिपे " यह दुर्गा का पति है इसलिए इस  नाना रूप बना लेता है॰ कालको मनुष्य की तरह आकार में कृष्ण अवतार प्राप्त श्लोक में कह रहा है कि मैं श्री कृष्ण आदि की तरह दुर्गा से हुआ मानते हैं अर्थात् मैं कृष्ण नहीं हूँ। (२४) जन्म नहीं लेता। (२५) केवल हिन्दी अनुवादः मैं योगमायासे छिपा हुआ सबके गीता ज्ञान दाता श्री कृष्ण जी नहीं है प्रत्यक्ष नहीं होता अर्थात् अदृश्य रहता हूँ इसलिये मुझ जन्म क्योंकि श्री कृष्ण जी तो सर्व के समक्ष न लेने वाले अविनाशी अटल भावको यह अज्ञानी साक्षात् थे। श्री कृष्ण नहीं कहते कि मैं जनसमुदाय संसार नहीं जानता अर्थात् मुझको  अवतार रूप में आया समझता है। क्योंकि ब्रह्म अपनी शब्द शक्ति से अपनी योगमाया से छिपा रहता हूँ। इसलिए अपने नाना रूप बना लेता है, यह दुर्गा का पति है इसलिए गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी के अन्दर इस श्लोक में कह रहा है कि मैं श्री कृष्ण आदि की तरह प्रेतवत प्रवेश करके काल ने बोला था। दुर्गा से जन्म नहीं लेता। (२५) ? निःशुल्क पायें  पवित्र पुस्तक अपना नाम, पूरा पता भेजें ज्ञान गगा umh +91 7496801823 गीता जी का ज्ञान किसने बोला? गीता अध्याय 7 श्लोक २४ २५ में गीता ज्ञान दाता प्रभु ने कहा है कि बुद्धिहीन जन समुदाय मेरे उस घटिया (अनुत्तम) अटल विधान को नहीं जानते कि मैं कभी भी मनुष्य की तरह किसी के सामने प्रकट नहीं होता। मैं अपनी योगमाया से छिपा रहता हूँ। अध्याय 7 का श्लोक २४ अध्याय 7 का श्लोक २५ अव्यक्तम् व्यक्तिम् आपन्नम् मन्यन्ते माम् अबुद्धयः।  न अहम प्रकाशः सर्वस्य योगमायासमावृतः मूढः, अयम न अभिजानाति लोकः माम अजम् परम भावम अजानन्तः मम अव्ययम अनुत्तमन्।।२४ | 3aTuTTII2511  (अबुद्धयः ) बुद्धिहीन लोग (मम ) मेरे (अनुत्तमम्) अनुवादः अनुवादः ( अहम् ) मैं (योगमाया समावृतः ) योगमायासे अश्रेष्ठ ( अव्ययम् ) अटल (परम्) परम ( भावम्) भावको छिपा हुआ ( सर्वस्य) सबके ( प्रकाशः ) प्रत्यक्ष (न) नहीं होता (अजानन्तः ) न जानते हुए ( अव्यक्तम् ) छिपे हुए अर्थात् अर्थात् अदृश्य रहता हूँ इसलिये(माम् ) मुझ ( अजम् ) जन्म न परोक्ष (माम् ) मुझ कालको (व्यक्तिम् ) मनुष्य की तरह लेने वाले ( अव्ययम्) अविनाशी अटल भावको (अयम्) यह आकार में कृष्ण अवतार (आपन्नम् ) प्राप्त हुआ ( मन्यन्ते) (मूढः ) अज्ञानी (लोकः ) जनसमुदाय संसार (न) नहीं मानते हैं अर्थात् मैं कृष्ण नहीं हूँ। (२४) (अभिजानाति) जानता अर्थात् अवतार रूप में मुझको केवल हिन्दी अनुवादः बुद्धिहीन लोग मेरे अश्रेष्ठ अटल  आया समझता है। क्योंकि ब्रह्म अपनी शब्द शक्ति से अपने हुए अर्थात् परोक्ष मुझ परम भावको न जानते हुए छिपे " यह दुर्गा का पति है इसलिए इस  नाना रूप बना लेता है॰ कालको मनुष्य की तरह आकार में कृष्ण अवतार प्राप्त श्लोक में कह रहा है कि मैं श्री कृष्ण आदि की तरह दुर्गा से हुआ मानते हैं अर्थात् मैं कृष्ण नहीं हूँ। (२४) जन्म नहीं लेता। (२५) केवल हिन्दी अनुवादः मैं योगमायासे छिपा हुआ सबके गीता ज्ञान दाता श्री कृष्ण जी नहीं है प्रत्यक्ष नहीं होता अर्थात् अदृश्य रहता हूँ इसलिये मुझ जन्म क्योंकि श्री कृष्ण जी तो सर्व के समक्ष न लेने वाले अविनाशी अटल भावको यह अज्ञानी साक्षात् थे। श्री कृष्ण नहीं कहते कि मैं जनसमुदाय संसार नहीं जानता अर्थात् मुझको  अवतार रूप में आया समझता है। क्योंकि ब्रह्म अपनी शब्द शक्ति से अपनी योगमाया से छिपा रहता हूँ। इसलिए अपने नाना रूप बना लेता है, यह दुर्गा का पति है इसलिए गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी के अन्दर इस श्लोक में कह रहा है कि मैं श्री कृष्ण आदि की तरह प्रेतवत प्रवेश करके काल ने बोला था। दुर्गा से जन्म नहीं लेता। (२५) ? निःशुल्क पायें  पवित्र पुस्तक अपना नाम, पूरा पता भेजें ज्ञान गगा umh +91 7496801823 - ShareChat
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#SantRampalJiMaharaj #TrueSpirituality #VedicKnowledge #RealGod #TrueDevotion #SpiritualAwakening - মন মাচন परम पूज्य सत रामपाल नी महपन एव मुनिन्द्र धर्मार्य ट्रा्ट ढुलान  দাব]  रामायण तहःहांसी जिला हिसार ( हरि॰ ) में TTTc राहत कार्य में सहयोग हेतू दी ग्ई 1 १००० फुट  वाढ 8 इंची पाईप व 3 मोटर 1 5 HP कम्पलीट सैट हेतू समस्त गाँव रामायण संत राभपाल जी महाराज Mal हार्दिक धन्यवाद करते है নযকাল: सपस्त ग्राम प्ंचायत एवाग्रामवासी ; रामायण ( हास মন মাচন परम पूज्य सत रामपाल नी महपन एव मुनिन्द्र धर्मार्य ट्रा्ट ढुलान  দাব]  रामायण तहःहांसी जिला हिसार ( हरि॰ ) में TTTc राहत कार्य में सहयोग हेतू दी ग्ई 1 १००० फुट  वाढ 8 इंची पाईप व 3 मोटर 1 5 HP कम्पलीट सैट हेतू समस्त गाँव रामायण संत राभपाल जी महाराज Mal हार्दिक धन्यवाद करते है নযকাল: सपस्त ग्राम प्ंचायत एवाग्रामवासी ; रामायण ( हास - ShareChat