ShareChat
click to see wallet page
#आज के दौर की कड़वी सच्चाई
आज के दौर की कड़वी सच्चाई - किताबें इन्कलाब पैदा करती हैं , इसलिए लाइब्रेरी बन्द हैं | शराबें गुलाम पैदा करती हैं , इसलिए ठेके खुले हैं ... ! ! (नीरज यादव) किताबें इन्कलाब पैदा करती हैं , इसलिए लाइब्रेरी बन्द हैं | शराबें गुलाम पैदा करती हैं , इसलिए ठेके खुले हैं ... ! ! (नीरज यादव) - ShareChat

More like this