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#जय श्री जगन्नाथ 🚩🙏🏻🔱🌞
जय श्री जगन्नाथ 🚩🙏🏻🔱🌞 - "जगन्नाथजी का रहस्य" जगन्नाथ मन्दिर से जुडी एक बेहद তিমকধ সবলিন है कहानी रहस्यमय अनुसार मन्दिर में मौजूद भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर स्वयं ब्रह्मा विराजमान है। कृष्ण के नश्वर शरीर में विराजमान थे সব্মা  कृशरीरव की मृत्यु हुई तब पाण्ड्वों ने का दाहःसंस्कार कर दिया उनके लेकिन कृष्ण का दिल (पिण्ड) जलता ही रहा। भगवान के आदेशानुसार पिण्ड को पाण्ड्वों ने जल र्मे प्रवाहित कर दिया। उस पिण्ड ने लठ्ठे का रूप ले लिया। राजा इन्द्रदुम्न, जो कि भगवान जगन्नाथ के भक्त थे, को यह लठ्ठा मिला और उर्न्होने इसे जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर स्थापित कर दिया। उस दिन से लेकर आज तक वह लठ्ठा भगवान जगन्नाथ की ஈு मूर्ति के अन्दर है। हर १२ वर्ष के अन्तराल के बाद जगन्नाथ की बदलती हे लेकिन यह लठ्ठा उसी मे रहता है। इस लकड़ी के लठ्ठे आज तक किसी ने नर्ही देखा। मन्दिर के जो इस मूर्ति पुजारी बदलते है, उनका कहना है कि उनकी ऑर्खों पर पट्टी बाँध दी जाती हैे और हाथ पर कपड़ा ढक दिया जाता है। इसलिए वे न तो लठ्ठे को और न ही छू कर महसूस कर पाए है। पुजारियों के अनुसार देख पाए वह लठ्ठा इतना सॉफ्ट होता है मानो कोई खरगोश उनके हार्थों में न व्यक्ति इस मूर्ति के भीतुर। पुजारिर्यों का ऐसा मानना है कि अगर कोई " छिपे ब्रह्मा को देख लेगा तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसी वजहँ से जिस दिन जगन्नाथ की मूर्ति बदली जाती हे॰ उड़ीसा सरकार द्वारा शहर की बिजली बाधित कर दी जाती है[ आज तक एक रहस्य ह्ी ६२ जगन्नाथ की मूर्ति मे ब्रह्मा का वास है। कि॰क्या वाकर्ड भगवान  जय जय श्रीजगन्नाथ भगवान् श्रीजी की चरण सेवा 1.4K "जगन्नाथजी का रहस्य" जगन्नाथ मन्दिर से जुडी एक बेहद তিমকধ সবলিন है कहानी रहस्यमय अनुसार मन्दिर में मौजूद भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर स्वयं ब्रह्मा विराजमान है। कृष्ण के नश्वर शरीर में विराजमान थे সব্মা  कृशरीरव की मृत्यु हुई तब पाण्ड्वों ने का दाहःसंस्कार कर दिया उनके लेकिन कृष्ण का दिल (पिण्ड) जलता ही रहा। भगवान के आदेशानुसार पिण्ड को पाण्ड्वों ने जल र्मे प्रवाहित कर दिया। उस पिण्ड ने लठ्ठे का रूप ले लिया। राजा इन्द्रदुम्न, जो कि भगवान जगन्नाथ के भक्त थे, को यह लठ्ठा मिला और उर्न्होने इसे जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर स्थापित कर दिया। उस दिन से लेकर आज तक वह लठ्ठा भगवान जगन्नाथ की ஈு मूर्ति के अन्दर है। हर १२ वर्ष के अन्तराल के बाद जगन्नाथ की बदलती हे लेकिन यह लठ्ठा उसी मे रहता है। इस लकड़ी के लठ्ठे आज तक किसी ने नर्ही देखा। मन्दिर के जो इस मूर्ति पुजारी बदलते है, उनका कहना है कि उनकी ऑर्खों पर पट्टी बाँध दी जाती हैे और हाथ पर कपड़ा ढक दिया जाता है। इसलिए वे न तो लठ्ठे को और न ही छू कर महसूस कर पाए है। पुजारियों के अनुसार देख पाए वह लठ्ठा इतना सॉफ्ट होता है मानो कोई खरगोश उनके हार्थों में न व्यक्ति इस मूर्ति के भीतुर। पुजारिर्यों का ऐसा मानना है कि अगर कोई " छिपे ब्रह्मा को देख लेगा तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसी वजहँ से जिस दिन जगन्नाथ की मूर्ति बदली जाती हे॰ उड़ीसा सरकार द्वारा शहर की बिजली बाधित कर दी जाती है[ आज तक एक रहस्य ह्ी ६२ जगन्नाथ की मूर्ति मे ब्रह्मा का वास है। कि॰क्या वाकर्ड भगवान  जय जय श्रीजगन्नाथ भगवान् श्रीजी की चरण सेवा 1.4K - ShareChat

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