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#रक्षा बंधन
रक्षा बंधन - লনাণা নি एसपी जीद आर मासामासी की मदद से सिह  जिन लागा पा आरप /144` ठनफी जाच एक आरोपी को रातड्भप किया च जुलाई की रात लडकी का कीजा रहीई। গাসনল आरकरखास २ मुगल शासकोंनेअलग अलग समय में शांडिल्य गौत्र व रोड़ समाज पर हमला किया औरंगजेब ने भौज पर बुला किया था नरसंहार, ४०० वर्ष से कैथल के सिरसल में नहीं मनता रक्षाबंधन भासकान्यूत| पूतीकैयल बादली में हथियार पूजा केदिनरोड समाजके लोगोंकीअकबर के सैनिकोंनेकीथीहत्या कैथल जिल কষা কষে যান' মিমেল राट बिरादरी को कहाना मुगल सम्राट अकबर केसमय की हुए लोग जान बचकर ८४ क्षेत्र ( वर्तमान करनाल केथल ऐसा हिे जिहा सदियों से रक्षाबंधन का बताई जाती हे। बुजुर्ग कृषण कुमार के अनुसार , उनके कुरुक्षेत्र ) में आकर बस गए। तब से रोड़ बिरदर केलेग পম ননা সনামা সলা| पूर्वज दिल्ली के पास बादली क्षेत्र म रहते थे। अकनर ने भीइस दिन रक्षाबंधन नही मनाते। हलाकि समयकेसाय লন্যা 40০ নদা স নলী ওা মৌ जनरन एकलिडको का डोला मांगा, जिसका बिरोधकरने कुछ बदलाव आएहे। गाव के बाहर सहने वाले 3755` पर जंग छिड़ गई। रक्षाबंधन केदिन रोड बिरादरी के लोग इस अनाखी परपरा के पीछे ٥٩ स्थानीय परिवारों ने अब यह पर्व मनाना शुलूकर दियाहे समुदार्यों  गात्र ) बाटाण ( साडिल्य परपरागत रूप स आपन हाथयारा को पूजा करते थे और लेकिन अधिकांश लोग आज शी अपने पूर्वजों को स्मृतिमे a সাে समाज हथियार नहों उठाते थे। इस अवसर का लागभ उठाकर आरवस ददनाक इतिहासको ध्यान मेंरखते हुए रक्षवधन ऐतिहासिक घटनाएँ अकबर के सैनिकों ने उन्के पूर्वजों की हत्या कर दो। बचे ಭ3 से दूरी बनाए रखते ह। गांव के बुजर्गा के अनुसार शाडिल्य गात्र के य्राहाण परवारा में यह परंपरा के पास एक अत्यंत सुंदर घोड़ी थो परवारों को भोज के बहाने बुलाया T4 ম বন্ধে সুম বসা নিমক্া নাস औरगजेव ப47 और छोटे बच्चों से लेकर पुरु्षों व॰ शासनकाल जिस पर शासक की नजर पड़ गई। गाव केशाडिल्य आसकरण रखा সা  ম बृजु्ग   रामजवारी ने बह घोड़ी मांगा  लेकिन সােক্ষ সচিলানসা কা নমেরা ক্াররণা থা गोन्नकेसभी गाहाण परवार ठसी पूर्वजों ने देने से इनकार कर दिया। मामूरम बताते हेकिठस समय गांव Ta =1 शाडिल्य समय |Iಓu NIWUI वशम आसपास गा्वा म मस्लिम शासक mitr STI1 గా  महिलारजा गर्भवती थी॰ वह मायके परिवार सदिन को शक दिवस शासक का राज था। शटिल्य गात्र के पूर्वजों  Tப गव क॰॰सभी में गईथी और बहबच गई। उसके HHIgTPTTTTI লনাণা নি एसपी जीद आर मासामासी की मदद से सिह  जिन लागा पा आरप /144` ठनफी जाच एक आरोपी को रातड्भप किया च जुलाई की रात लडकी का कीजा रहीई। গাসনল आरकरखास २ मुगल शासकोंनेअलग अलग समय में शांडिल्य गौत्र व रोड़ समाज पर हमला किया औरंगजेब ने भौज पर बुला किया था नरसंहार, ४०० वर्ष से कैथल के सिरसल में नहीं मनता रक्षाबंधन भासकान्यूत| पूतीकैयल बादली में हथियार पूजा केदिनरोड समाजके लोगोंकीअकबर के सैनिकोंनेकीथीहत्या कैथल जिल কষা কষে যান' মিমেল राट बिरादरी को कहाना मुगल सम्राट अकबर केसमय की हुए लोग जान बचकर ८४ क्षेत्र ( वर्तमान करनाल केथल ऐसा हिे जिहा सदियों से रक्षाबंधन का बताई जाती हे। बुजुर्ग कृषण कुमार के अनुसार , उनके कुरुक्षेत्र ) में आकर बस गए। तब से रोड़ बिरदर केलेग পম ননা সনামা সলা| पूर्वज दिल्ली के पास बादली क्षेत्र म रहते थे। अकनर ने भीइस दिन रक्षाबंधन नही मनाते। हलाकि समयकेसाय লন্যা 40০ নদা স নলী ওা মৌ जनरन एकलिडको का डोला मांगा, जिसका बिरोधकरने कुछ बदलाव आएहे। गाव के बाहर सहने वाले 3755` पर जंग छिड़ गई। रक्षाबंधन केदिन रोड बिरादरी के लोग इस अनाखी परपरा के पीछे ٥٩ स्थानीय परिवारों ने अब यह पर्व मनाना शुलूकर दियाहे समुदार्यों  गात्र ) बाटाण ( साडिल्य परपरागत रूप स आपन हाथयारा को पूजा करते थे और लेकिन अधिकांश लोग आज शी अपने पूर्वजों को स्मृतिमे a সাে समाज हथियार नहों उठाते थे। इस अवसर का लागभ उठाकर आरवस ददनाक इतिहासको ध्यान मेंरखते हुए रक्षवधन ऐतिहासिक घटनाएँ अकबर के सैनिकों ने उन्के पूर्वजों की हत्या कर दो। बचे ಭ3 से दूरी बनाए रखते ह। गांव के बुजर्गा के अनुसार शाडिल्य गात्र के य्राहाण परवारा में यह परंपरा के पास एक अत्यंत सुंदर घोड़ी थो परवारों को भोज के बहाने बुलाया T4 ম বন্ধে সুম বসা নিমক্া নাস औरगजेव ப47 और छोटे बच्चों से लेकर पुरु्षों व॰ शासनकाल जिस पर शासक की नजर पड़ गई। गाव केशाडिल्य आसकरण रखा সা  ম बृजु्ग   रामजवारी ने बह घोड़ी मांगा  लेकिन সােক্ষ সচিলানসা কা নমেরা ক্াররণা থা गोन्नकेसभी गाहाण परवार ठसी पूर्वजों ने देने से इनकार कर दिया। मामूरम बताते हेकिठस समय गांव Ta =1 शाडिल्य समय |Iಓu NIWUI वशम आसपास गा्वा म मस्लिम शासक mitr STI1 గా  महिलारजा गर्भवती थी॰ वह मायके परिवार सदिन को शक दिवस शासक का राज था। शटिल्य गात्र के पूर्वजों  Tப गव क॰॰सभी में गईथी और बहबच गई। उसके HHIgTPTTTTI - ShareChat

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