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#भगबान कल्कि अवतार ❤🙏🏻 #kalki #kalyug ka kalki #🌺भगवान कल्कि जयंती🌺 #KALKI RAJ
भगबान कल्कि अवतार ❤🙏🏻 - जय अहिंसा सत्यमेव जयते ऊँ विश्व शांति नवीन विश्व धर्म कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का संदेश सेवा परमोधर्म सत्कर्म और सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं WIFITHIEG अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ईश्वरीय ज्ञानानुसार कर्मभूमि पर कर्मयोगी के लिए सत्कर्म और सेवा से बड़ा कोई मानव धर्म नहीं है और सत्कर्म और सेवा के अलावा मानव धर्म की  दूसरी कोई परिभाषा नहीं है।ज्ञात रहे कर्मभूमि पर मानव-मात्र का कर्तव्य है अपने हृदय में सबकी सेवा सबसे प्यार की भावना रखते हुए, चाहिए। कर्मभूमि आत्मकल्याण  के সনসায पर चलना এয मानव-्मात्र का कर्तव्य है वो अपना जीवन यापन करते हुए, अन्य असहाय जीवों को जीने में सहायता करें । आत्मा का स्वभाव है दया  व सेवा | कर्मभूमि पर सेवा निर्जीव या जड़  की नहीं चेतन वस्तुओं - जीव-्जीवात्मा की करना चाहिए।कर्मभूमि पर अपना मानव जीवन सार्थक बनाना है तो अपनी कमाई का १० प्रतिशत पैसा सेवा व परोपकार में लगाना चाहिए। कर्मभूमि पर मानव-्मात्र सत्कर्मी कर्मभूमि पर स्वर्ग सुख पा सकता है और विदेही भाव में ননন্ধয विराट आत्मस्वरूप निष्काम कर्मयोगी बनकर मोक्षफल को प्राप्त सत्कर्मी निष्काम कर्मयोगी बनों, अपना मानव कर सकता है जीवन सार्थकबनाओं अधिक जानकारी के Kalki Gyan Sagar एप डाउनलॉड करें लिए जय अहिंसा सत्यमेव जयते ऊँ विश्व शांति नवीन विश्व धर्म कल्कि ज्ञान सागर सतयुगी विश्व अहिंसा परमोधर्म का संदेश सेवा परमोधर्म सत्कर्म और सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं WIFITHIEG अद्भुत रहस्यमय सृष्टि सृजन के रहस्यमय ईश्वरीय ज्ञानानुसार कर्मभूमि पर कर्मयोगी के लिए सत्कर्म और सेवा से बड़ा कोई मानव धर्म नहीं है और सत्कर्म और सेवा के अलावा मानव धर्म की  दूसरी कोई परिभाषा नहीं है।ज्ञात रहे कर्मभूमि पर मानव-मात्र का कर्तव्य है अपने हृदय में सबकी सेवा सबसे प्यार की भावना रखते हुए, चाहिए। कर्मभूमि आत्मकल्याण  के সনসায पर चलना এয मानव-्मात्र का कर्तव्य है वो अपना जीवन यापन करते हुए, अन्य असहाय जीवों को जीने में सहायता करें । आत्मा का स्वभाव है दया  व सेवा | कर्मभूमि पर सेवा निर्जीव या जड़  की नहीं चेतन वस्तुओं - जीव-्जीवात्मा की करना चाहिए।कर्मभूमि पर अपना मानव जीवन सार्थक बनाना है तो अपनी कमाई का १० प्रतिशत पैसा सेवा व परोपकार में लगाना चाहिए। कर्मभूमि पर मानव-्मात्र सत्कर्मी कर्मभूमि पर स्वर्ग सुख पा सकता है और विदेही भाव में ননন্ধয विराट आत्मस्वरूप निष्काम कर्मयोगी बनकर मोक्षफल को प्राप्त सत्कर्मी निष्काम कर्मयोगी बनों, अपना मानव कर सकता है जीवन सार्थकबनाओं अधिक जानकारी के Kalki Gyan Sagar एप डाउनलॉड करें लिए - ShareChat

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