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#गुलज़ार शायरी
गुलज़ार शायरी - जिनकी आंखें आंसू से 776, समझते हो उसे क्या कोई गम नहीं... ! ! तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं...! ! Qu जिनकी आंखें आंसू से 776, समझते हो उसे क्या कोई गम नहीं... ! ! तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ, गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं...! ! Qu - ShareChat

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