विष्णु की कथा — महासागर की गहराइयों से ब्रह्माण्ड के केन्द्र तक: 'विष्णु' का शाब्दिक अर्थ है सर्वव्यापी यानी जो हर जगह व्याप्त हो; उनकी चार बाहुएँ और शंख-पंचजन्य, चक्र-सुदर्शन, गदा-कौमुदकी व पद्म न केवल पौराणिक चिन्ह हैं बल्कि क्रमशः ध्वनि, चक्रण, शक्ति और शुद्धता जैसे ब्रह्माण्डीय सिद्धांतों का प्रतीक भी दिखते हैं। तर्क और साइंस की भाषा में दशावतार को भी एक प्रतीकात्मक विकासक्रम के रूप में पढ़ा जा सकता है — कुछ आधुनिक व्याख्याकार मछली से मनुष्य तक के क्रम को evolutionary/आनुवंशिक adaptation और ecological niches के संदर्भ में जोड़ते हैं, जिससे धर्म और जीवविज्ञान के बीच रोचक संवाद बनता है। पुराणों का निहित वाक्य — "सारी सृष्टि उसी में बुनी हुई है" — इस बात की चेतावनी और प्रेरणा दोनों है कि धर्म और विज्ञान विरोधी नहीं, बल्कि जीवन की समझ के complementary तरीके हैं; इसलिए धर्म में जो सत्य है उसे अपनाएँ और अंधविश्वास, हिंसा व छल को स्पष्ट रूप से नकारें। 🙏✨🌊🌀🔱 #विष्णुकथा #दशावतार #SpiritualScience #धर्मविज्ञान #प्रेरणा #Vishnu
@vishnu @gujjar ki gujjari @papa ki sherni @😘kshitij ki jaan pihu😘 @smile jattni ki🫦❣️❣️ #vishnu bhagvan ki katha #सावन की कांवड़ यात्रा🕉️ हर हर महादेव 🙏🚩🚩🚩 #बम - बम भोले #--- #👩🌾खान सर मोटिवेशन💡
