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Chandra Grahan 2025 - ९ घंटे सूतक काल साढ़े तीन घंटे चंद्र ग्रहण, ७ सितंबर को दिनभर नहीं होंगे ये कार्य ७ सितंबर २०२५ को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, ग्रहण की शुरुआत रात ०९:५८ बजे होगी और यह रात ०१:२६ बजे समाप्त होगा , इस दौरान करीब ११ बजे से रात करीब १२:२२ a तक चंद्रमा पीक पर रहेगा चूंकि यह भारत में दिखाई देगा , इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो हो जाता है, इस ग्रहण  का सूतक 7 सितंबर दोपहर १२:५७ बजे शुरू होगा और रात १:२६ बजे समाप्त होगा, चूंकि 7 सितंबर की तारीख सूतक काल और चंद्र ग्रहण में ही फंसी रहेगी , इसलिए पूरे दिन कुछ विशेष कार्य वर्जित रहेंगे।  पूजा पाठ - इस दौरान मंदिर के द्वार बंद रहेंगे , ग्रहण खत्म होने के बाद शुद्धिकरण करके ही मंदिरों में पूजा पाठ के कार्य किए जाएंगे।  सूतक या ग्रहण के दौरान भोजन नहीं पकाया जाता है, जो खाननपान भोजन पहले सेै बना हो, उसमें तुलसी के पत्ते डालकर सुरक्षित रखना ही उचित होगा , चंद्र ग्रहण रविवार को है इसलिए दिन के पत्ते एक নুলমী : तोड़कर रख लें। पहले सूतक या ग्रहण काल में सब्जी काटना या सब्जी काटना या छोंक लगाना सब्जी में छोंक लगाना वर्जित है, खासतौर से महिलाओं को इसका विशेष ख्याल रखना चाहिए, इस दौरान तेल-मसाले या तवे कड़ाही पर कोई नया पकवान बनाए जाने की मनाही होती है, ऐसे समय में पका हुआ भोजन अशुद्ध हो जाता है। धारदार उपकरणों का इस्तेमाल - सूतक शुरू होने से लेकर ग्रहण खत्म होने के तक कैंची, चाकू , ब्लेड जैसी चीजों का प्रयोग नहीं किया जाता बाद है, धारदार का प्रयोग अशुभ प्रभाव को और बढ़ा सकता है। वस्तुओं गृह प्रवेश , मुंडन वर्जित - ग्रहण और सूतक काल में कोई भी शुभसंस्कार या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है इसलिए इन कार्यों को करने से फल विपरीत मिल सकता है। कृपया पोस्ट को अधूरा ना छोड़े अपने सभी दोर्स्तों के पास शेयर कर्रे.॰ ९ घंटे सूतक काल साढ़े तीन घंटे चंद्र ग्रहण, ७ सितंबर को दिनभर नहीं होंगे ये कार्य ७ सितंबर २०२५ को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, ग्रहण की शुरुआत रात ०९:५८ बजे होगी और यह रात ०१:२६ बजे समाप्त होगा , इस दौरान करीब ११ बजे से रात करीब १२:२२ a तक चंद्रमा पीक पर रहेगा चूंकि यह भारत में दिखाई देगा , इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो हो जाता है, इस ग्रहण  का सूतक 7 सितंबर दोपहर १२:५७ बजे शुरू होगा और रात १:२६ बजे समाप्त होगा, चूंकि 7 सितंबर की तारीख सूतक काल और चंद्र ग्रहण में ही फंसी रहेगी , इसलिए पूरे दिन कुछ विशेष कार्य वर्जित रहेंगे।  पूजा पाठ - इस दौरान मंदिर के द्वार बंद रहेंगे , ग्रहण खत्म होने के बाद शुद्धिकरण करके ही मंदिरों में पूजा पाठ के कार्य किए जाएंगे।  सूतक या ग्रहण के दौरान भोजन नहीं पकाया जाता है, जो खाननपान भोजन पहले सेै बना हो, उसमें तुलसी के पत्ते डालकर सुरक्षित रखना ही उचित होगा , चंद्र ग्रहण रविवार को है इसलिए दिन के पत्ते एक নুলমী : तोड़कर रख लें। पहले सूतक या ग्रहण काल में सब्जी काटना या सब्जी काटना या छोंक लगाना सब्जी में छोंक लगाना वर्जित है, खासतौर से महिलाओं को इसका विशेष ख्याल रखना चाहिए, इस दौरान तेल-मसाले या तवे कड़ाही पर कोई नया पकवान बनाए जाने की मनाही होती है, ऐसे समय में पका हुआ भोजन अशुद्ध हो जाता है। धारदार उपकरणों का इस्तेमाल - सूतक शुरू होने से लेकर ग्रहण खत्म होने के तक कैंची, चाकू , ब्लेड जैसी चीजों का प्रयोग नहीं किया जाता बाद है, धारदार का प्रयोग अशुभ प्रभाव को और बढ़ा सकता है। वस्तुओं गृह प्रवेश , मुंडन वर्जित - ग्रहण और सूतक काल में कोई भी शुभसंस्कार या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है इसलिए इन कार्यों को करने से फल विपरीत मिल सकता है। कृपया पोस्ट को अधूरा ना छोड़े अपने सभी दोर्स्तों के पास शेयर कर्रे.॰ - ShareChat

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