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शिवलिंग — एक चौंकाने वाला चिह्न जो दर्शन, इतिहास और विज्ञान को जोड़ता है! 🔥🕉️ संस्कृत 'लिङ्ग' का मूल अर्थ 'चिन्ह/सांकेतिक' है; यह शिव का अनिकोनिक प्रतीक है जो पुरुष और प्रकृति/शक्ति (लिंग-योनि) के मिलन से सृष्टि-चक्र और ब्रह्म की अनंतता को व्यक्त करता है। लिंग पुराण स्वयं कहता है, "Shiva is signless, without color, taste, smell, that is beyond word or touch, without quality, motionless and changeless" — यानी शिव का असली स्वरूप चिह्नहीन है; यह हमें प्रतीकों के पार देखने का न्योता देता है। पुरातत्वीय दृष्टि से गुडिमल्लम लिंगम जैसे प्राचीन उदाहरण (लगभग 3rd century BCE) और हड़प्पा-कालीन पत्थराकृतियाँ मिलना रोचक है, पर वैज्ञानिक-ऐतिहासिक विश्लेषण बताता है कि हड़प्पा के अवशेषों का वही धार्मिक अर्थ सीधे सिद्ध नहीं होता — इसलिए शिवलिंग को केवल शारीरिक प्रतीक मान लेना तर्कसंगत नहीं; यह दार्शनिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संदर्भ में समझने योग्य है। 19वीं सदी के कुछ ओरिएंटेलिस्टों द्वारा की गई यौनिक व्याख्याएँ इसलिए सीमित और भ्रामक रहीं; पारंपरिक शास्त्रों में यह ब्रह्म के 'चिह्न' के रूप में देखा गया है और विज्ञान-तर्क हमें संकेतों का संदर्भ समझने का आग्रह करते हैं। 🌿🔍 #शिवलिंग 🔱 #लिंगम #Shiva 🕉️ #Gudimallam 🪨 #History 📜 #Science 🔬 #धर्म ✨ @Lingam @lingam @lingam @masku Lingam @muthiah lingam #lingam #तपस्या का अर्थ #माँ पार्वती जी की तपस्या #माता वैष्णो देवी #जय मां वैष्णो देवी
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