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*🌹💞📿श्रीकृष्णा📿💞🌹* *"राम से कृष्ण होने का अंतर"* *राम का घर छोड़कर वनवास के लिए जाना, एक षड्यंत्रों में घिरे* *राजकुमार की करुण कथा हैं...* *और* *कृष्ण का घर छोड़ना गूढ़ कूटनीति।* *राम जो आदर्शों को निभाते हुए* *कष्ट सहते हैं,* *और कृष्ण, स्थापित आदर्शों को चुनौती देते हैं..* *षड्यंत्रों के हाथ नहीं आते।* *श्रीराम से श्री कृष्ण हो जाना एक सतत प्रक्रिया हैं...* *राम को मारीच भ्रमित कर सकता हैं,* *लेकिन,* *कृष्ण को पूतना की ममता भी नहीं उलझा सकती।* *राम अपने भाई को मूर्छित* *देखकर ही बेसुध होकर बिलख पड़ते हैं,* *लेकिन* *कृष्ण अभिमन्यु को दांव पर लगाने से भी नहीं हिचकते..!* *राम राजा हैं, कृष्ण राजनीतिज्ञ है...* *राम रण हैं, तो कृष्ण रणनीति...* *राम मानवीय मूल्यों के लिए लड़ते हैं,* *कृष्ण मानवता के लिए...!* *हर मनुष्य की यात्रा...* *राम से ही शुरू होती हैं* *और* *समय उसे कृष्ण बनाता हैं।* *एक व्यक्ति का कृष्ण होना भी उतना ही जरूरी हैं,* *जितना कि राम होना।* *लेकिन, जो राम से प्रारंभ हुई यह यात्रा तब तक अधूरी हैं,* *जब तक इस यात्रा का* *समापन कृष्ण पर ना हो..!* *_बहुत अच्छे होकर भी हम हर किसी के लिए अच्छे हो नहीं सकते..!_* *_क्योंकि कहीं बुरे बना दिए जाते हैं तो कहीं बुरे साबित कर दिए जाते हैं..!!✍🏻_* *संचितयोग गोविंदधाम बहुउद्देशीय संस्था🙏🏻* *🌹💞जयश्री कृष्णाजी दंडवत प्रणाम शुभ प्रभात आपका दिन शुभ मंगलमय हो📿🙏🏻* #महानूभाव पंथ #🙏 सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी 🙏 #महानुभाव पंथ #जय श्री कृष्णा महानुभाव पंथ #सु-प्रभात🌅शुभ सकाळ🌄Good morning
महानूभाव पंथ - जयश्री कृष्णाजी संतुष्ट जीवन सफल जीवन से सदैव श्रेष्ठ होता है क्योंकि dladlha के द्वारा सफलता सदैव दूसरों 4777?00 आंकलित होती है जबकि संतुष्टि ঞ स्वयं के मन और मस्तिष्क द्वारा 0@ Shaaks೦qtkro दंडवत प्रणाम   89at. @ संचितयोग्य गोविंदधाम बहुउद्देशीय संस्था जयश्री कृष्णाजी संतुष्ट जीवन सफल जीवन से सदैव श्रेष्ठ होता है क्योंकि dladlha के द्वारा सफलता सदैव दूसरों 4777?00 आंकलित होती है जबकि संतुष्टि ঞ स्वयं के मन और मस्तिष्क द्वारा 0@ Shaaks೦qtkro दंडवत प्रणाम   89at. @ संचितयोग्य गोविंदधाम बहुउद्देशीय संस्था - ShareChat

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