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#आज जिनकी जयंती है #आज जिनकी जयन्ती है #🇮🇳 देशभक्ति #इतिहास स्मृति
आज जिनकी जयंती है - শীভনানা ক্ী হানী दुर्गावती गले लगाना स्वीकार किया पर सम्राट अकबर के मृत्यु को अन्याय को स्वीकार नहीं किया ।जबलपुर से कुछ दूरी पर एक गाँव है बरेना, जहाँ आज भी इस महान वीरांगना की शहादत को लोग नमन करते हैं।आज जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि ५ अक्टूबर 1 ५२४ ೪f = ؟؟ 1 4 [ శ్ల চু 1 ச = रानी का चित्र दुर्गावती  I रानी दुर्गावती (५ अक्टूबर, १ ५२४ 24 তুন; 1564)) "  भारत की एक वीरांगना थीं जिन्होने अपने विवाह के चार वर्ष  बाद अपने पति दलपत शाह की असमय मृत्यु के बाद अपने सिंहासन  पुत्र वीरनारायण को पर बैठाकर उसके संरक्षक के रूप में स्वयं शासन करना प्रारंभ किया। इनके शासन में की बहुत | उन्नति हुई। को तीर तथा बंदूक  दुर्गावती  राज्य चलाने का अच्छा अभ्यास था। चीते के शिकार में इनकी विशेष रुचि थी। उनके राज्य का नाम [गोंडवाना]] था केन्द्र जिसका जबलपुर था।वे इलाहाबाद के मुगल शासक  आसफ खान से लोहा लेने के लिये प्रसिद्ध हैं। শীভনানা ক্ী হানী दुर्गावती गले लगाना स्वीकार किया पर सम्राट अकबर के मृत्यु को अन्याय को स्वीकार नहीं किया ।जबलपुर से कुछ दूरी पर एक गाँव है बरेना, जहाँ आज भी इस महान वीरांगना की शहादत को लोग नमन करते हैं।आज जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि ५ अक्टूबर 1 ५२४ ೪f = ؟؟ 1 4 [ శ్ల চু 1 ச = रानी का चित्र दुर्गावती  I रानी दुर्गावती (५ अक्टूबर, १ ५२४ 24 তুন; 1564)) "  भारत की एक वीरांगना थीं जिन्होने अपने विवाह के चार वर्ष  बाद अपने पति दलपत शाह की असमय मृत्यु के बाद अपने सिंहासन  पुत्र वीरनारायण को पर बैठाकर उसके संरक्षक के रूप में स्वयं शासन करना प्रारंभ किया। इनके शासन में की बहुत | उन्नति हुई। को तीर तथा बंदूक  दुर्गावती  राज्य चलाने का अच्छा अभ्यास था। चीते के शिकार में इनकी विशेष रुचि थी। उनके राज्य का नाम [गोंडवाना]] था केन्द्र जिसका जबलपुर था।वे इलाहाबाद के मुगल शासक  आसफ खान से लोहा लेने के लिये प्रसिद्ध हैं। - ShareChat

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